अब तक 12 ट्रेन उज्जैन शहर से हो चुकी है बायपास

नहीं मिल रही उज्जैन को रेल सुविधा, सांसद अनिल फिरोजिया बोले- कई प्रस्ताव दे चुका हूं…

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:बीते कुछ वर्षों में रेल सुविधाओं के मामले उज्जैन लगातार पिछड़ रहा है। वह तो भला हो इंदौर के जनप्रतिनिधियों जो अपने शहर की रेल सुविधा हासिल कर लेते है और उसका कुछ हिस्सा उज्जैन को मिल जाता है। इसका नुकसान भी उज्जैन को उठाना पड़ रहा है। इंदौर से चलने वाली १२ ट्रेन बायपास हो चुकी है। वहीं कई मर्तबा निरस्त होने वाली ट्रेन का विकल्प भी नहीं मिल पाता है।

जानकारों का कहना है कि रेलवे ट्रेक के मामले में फिलहाल इंदौर की स्थिति डेड एण्ड जैसी है। खंडवा ट्रेक बंद है और गुजरात-मुम्बई की रेल लाइन के लिए उज्जैन-रतलाम रुट के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इंदौर से खंडवा और देवास व्हाया इंदौर-धार होकर दाहोद लाइन का काम चल रहा है। उक्त दोनों रेल लाइन का काम पूरा होने के बाद इंदौर का सीधा संपर्क खंड़वा होकर महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के कई शहरों से हो जाएगा। दाहोद लाइन के बाद इंदौर सीधा गुजरात,मुम्बई से जुड जाएगा। अभी १२ ट्रेन ही बायपास हो रही है। उक्त दोनों लाइन के बाद उज्जैन का क्या होगा,इसकी कल्पना की जा सकती है। इसे लेकर फिलहाल तो उज्जैन के सांसद या जनप्रतिनिधियों ने अभी तक कोई पहल नहीं की है। ट्रेन सुविधाओं से उज्जैन को बायपास किया जा रहा है। शहर के जनप्रतिनिधि भी इस ओर ध्यान नहीं दें रहें। इस कारण रेलवे अपनी मनमानी कर रहा है।

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नहीं आती है यह ट्रेन

इंदौर से वाया देवास, मक्सी होकर तथा इंदौर से फतेहाबाद, बडऩगर, रतलाम होकर 12 ट्रेनें बायपास हो चुकी है। इन ट्रेनों के उज्जैन नहीं आने से शहर के यात्री रेल सुविधाओं से वंचित हो गए है। जबकि श्री महाकाल महालोक बनने के बाद उज्जैन में यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है।

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इंदौर-अमृतसर एक्सप्रेस

इंदौर-जबलपुर ओवरनाइट एक्सप्रेस

इंदौर-छिंदवाड़ा पेंचवेली एक्सप्रेस

महू-हबीबगंज पैसेंजर

इंदौर-कोटा इंटरसिटी एक्सप्रेस

इंदौर-नागपुर एक्सप्रेस

इंदौर-नईदिल्ली एक्सप्रेस वाया रेवाड़ी

इंदौर-जोधपुर एक्सप्रेस

इंदौर-नईदिल्ली एक्सप्रेस वाया बडऩगर, रतलाम, नागदा

हर बार कई दिनों तक निरस्त होती है नर्मदा एक्सप्रेस

यात्रियों के लिए एक बार फिर बुरी खबर है कि नर्मदा एक्सप्रेस १३ दिन के लिए रद्द रहेगी। नर्मदा एक्सप्रेस एक ऐसी ट्रेन है जो अक्सर अलग-अलग वजह से निरस्त कर दी जाती है। ऐसे में उज्जैन से नर्मदापुरम, इटारसी, गाडऱवाड़ा, नरसिंहपुर, श्रीधाम मदन महल, जबलपुर ,शहडोल सहित अन्य प्रमुख शहर के लिए बस के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है। उक्त शहरों की कनेक्टिविटी और पहुंच के लिए इंदौर के यात्रियों के लिए तो इंदौर-जबलपुर ओवरनाइट एक्सप्रेस,इंदौर-छिंदवाड़ा पेंचवेली एक्सप्रेस,इंदौर-नागपुर एक्सप्रेस का सहारा है। यह तीनों ट्रेन उज्जैन नहीं आती है। नर्मदा एक्सप्रेस 28 फरवरी से 11 मार्च तक रद्द रहेगी। इससे एक बार फिर से रेल यात्रियों को यात्रा में परेशानी का सामना करना पड़ेगा। नर्मदा एक्सप्रेस के

कैंसिल होने से यात्रियों को एक बार

फिर से यात्रा में कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। जिन यात्रियों ने रिजर्वेशन कराया था उनका रिजर्वेशन कैंसिल होगा और अब उन्हें फिर से दूसरी ट्रेनों में रिजर्वेशन के लिए जूझना होगा।

उज्जैन संसदीय क्षेत्र की ट्रेन सुविधा और विस्तार के लिए केंद्र सरकार को कई प्रस्ताव दिए है। हाल में उज्जैन-झालावाड़ रेल लाइन की डीपीआर के लिए राशि स्वीकृत हो चुकी है। नर्मदा एक्सप्रेस की समस्या के संबंध में भी रेल मंत्री से चर्चा करेंगे।-अनिल फिरोजिया,सांसद

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