फाल्गुन पूर्णिमा तक रहेगी यह व्यवस्था
उज्जैन। कार्तिक माह में मौसम बदलने के साथ ही भगवान महाकाल की दिनचर्या भी बदलने जा रही है। शुक्रवार को कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से बाबा की तीन आरतियों का समय बदल गया। यह व्यवस्था कार्तिक कृष्ण प्रतिपदा से फाल्गुन पूर्णिमा तक रहेगी। इसमें सुबह होने वाली दद्योदक आरती अब 7.30 से 8.15 बजे तक होगी।
इसी तरह भोग आरती प्रात: 10.30 से 11.15 बजे तक एवं संध्या आरती 6.30 से 7.१5 बजे तक होगी। भस्मारती तड़के 4 से 6 बजे तक, सायंकालीन पूजन शाम 5 से 5.45 बजे तक एवं शयन आरती रात्रि 10.30 से 11 बजे तक अपने निर्धारित समय पर ही होगी।
दो बार होता है बदलाव – विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में प्रतिवर्ष भगवान महाकाल की दिनचर्या में दो बार बदलाव होता है। ठंड का मौसम शुरू होने पर कार्तिक माह व गर्मी का मौसम शुरू होने पर फाल्गुन मास में मंदिर में होने वाली बाबा महाकाल की आरतियों का समय बदलता है। \
29 को मनेगी धनतेरस
श्री महाकालेश्वर मंदिर में 29 अक्टूबर को धनतेरस मनाई जाएगी। इस दिन पुरोहित समिति द्वारा बाबा का अभिषेक एवं पूजन किया जाएगा। साथ ही महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा संचालित चिकित्सालय में भगवान धन्वंतरि का पूजन किया जाएगा।
31 को अभ्यंग स्नान
31 अक्टूबर कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को बाबा महाकाल को अभ्यंग स्नान करवाया जाएगा। इसी दिन से बाबा को गर्म जल से स्नान करवाने की शुरुआत होगी जो फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तक चलेगा। सुबह 7.30 बजे होने वाली आरती में अन्नकूट लगाया जाएगा और शाम को दीपावली पर्व मनाया जाएगा।
कार्तिक और अगहन मास में सवारी का शेड्यूल
प्रथम सवारी: 4 नवंबर 2024 को
दूसरी सवारी: 11 नवंबर को
तीसरी सवारी: 18 नवंबर को
चौथी सवारी: 25 नवंबर को