उज्जैन में नगर निगम आयुक्त का मोर्चा कलेक्टर ने संभाला…

By AV NEWS

चैंबर खुलवाकर कलेक्टर ने देखे जाम नाले

  • जाम नाले देखने
  • लिए कलेक्टर पैदल भी घूमे
  • नाले पर बन गए मकान, कार्रवाई की तैयारी में प्रशासन

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:शहर में नालों की साफ-सफाई का जिम्मा तो नगर निगम आयुक्त का है, लेकिन बुधवार को कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने आठ नालों का निरीक्षण किया और सफाई में बरती जा रही लापरवाही पर नाराजी भी जताई। कलेक्टर ने अपने सामने नाले के चैंबर खुलवाए और इसके लिए वे पैदल भी घूमे।

खास बात यह रही कि निगमायुक्त आशीष पाठक साथ नहीं थे। उनकी जगह उपायुक्त कृतिका भीमावद मौजूद रहीं। निरीक्षण में बड़ी खामी यह सामने आई कि नाले पर ही मकान की सीढिय़ां या मकान बन गए हैं। प्रशासन इनको तोडऩे की कार्रवाई में जुट गया है। जल्द ही ऐसे मकान मालिकों को नोटिस जारी किए जाएंगे।

बुधवार सुबह कलेक्टर के निरीक्षण से हलचल मच गई। पहली बार कलेक्टर सिंह ने शहर के नालों की साफ सफाई का बारीकी से निरीक्षण किया। बारिश में तोपखाना क्षेत्र की सड़कें पानी से भर जाती हैं। यह जानकारी कलेक्टर को अधिकारियों ने बैठक के दौरान बताई थी। उन्होंने शहर के सभी नालों का नक्शा साथ लिया और सड़कों पर देखने निकल पड़े। सबसे पहले कलेक्टर जोन 6 में आदर्श नगर पहुंचे, जहां नाले से निकासी की स्थिति देखी। शिप्रा विहार का भी भ्रमण कर नाले की सफाई के निर्देश दिए। एकता नगर और लोहरपट्टी के नाले में गंदगी और पानी के जाम की स्थिति मिली। कलेक्टर ने यहां के स्वास्थ्य अधिकारी पर नाराजगी जताई।

पैदल चले और चैंबर खुलवाए…

कलेक्टर ने लो लाइन एरिया डाबरी पीठा से पैदल भ्रमण कर लोहे के पुल तक जल की निकासी देखी। वार्ड 24 में नाले का चैंबर खुलवाकर नाले में पानी के बहाव का अवलोकन किया। बेगम बाग के नाले से रुद्रसागर तक भी जल निकासी का स्थिति देखी। नाले पर मकान देख नाराज भी हुए। निगम अधिकारी से कहा यह स्थिति क्यों बन रही, कोई देखता नहीं है क्या। इसके लिए नोटिस जारी कर जरूरी कार्रवाई के निर्देश दिए। कलेक्टर ने आठ नालों की स्थिति देखी। वार्ड क्रमांक 4 और वार्ड क्रमांक 5 में कलेक्टर गुरुवार को निरीक्षण कर सकते हैं।

पहली बार कलेक्टर ने देखी जमीनी स्तर पर समस्या

यह पहला ऐसा मौका है जब किसी कलेक्टर ने निगम अधिकारियों के भरोसे न रहकर खुद जमीनी स्तर पर नालों की साफ सफाई का काम देखा। आम तौर पर अधिकारी केवल बैठक में ही अधिकारियों को निर्देश देकर पल्ला झाड़ लेते हैं। कलेक्टर सिंह के निरीक्षण से निगम प्रशासन में हलचल मच गई है। इससे उसकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगा है।

पन्द्रह दिन में नाले नालियों की करो सफाई…

निरीक्षण के दौरान कुछ नालों में गंदगी और पानी के जाम होने की स्थिति मिलने।पर नाराजी जताई और जोन 6 के स्वास्थ्य अधिकारी से कहा एक माह का कमिटमेंट था तो सफाई क्यों नहीं की? कलेक्टर ने बारिश के मौसम के मद्देनजर 15 दिनों में सभी प्रमुख नाले नालियों की सफाई करने का फरमान भी जारी किया है। नालों की निकासी बाधित करने वाले नालों को चिह्नित कर नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।

साहब, हमारी भी समस्या सुन लो… फिर धन्यवाद

निरीक्षण के दौरान डाबरीपीठा क्षेत्र में एक महिला ने कहा साहब, हमारी समस्या भी सुन लो। उसने कहा उनके क्षेत्र में कई दिनों से गंदा पानी आ रहा है। कलेक्टर ने ध्यान से समस्या सुनी और कहा निगम की टीम को भेजकर इसे ठीक कराएंगे। कलेक्टर के इस आश्वासन से महिला सहित क्षेत्रीय लोग खुश हो गए और उन्होंने कलेक्टर को धन्यवाद भी दिया।

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