हाई-वे पर हादसों में उज्जैन छठे नंबर पर, वजह तेज रफ्तार, इंदौर टॉप पर

एक्सीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम की रिपोर्ट: प्रदेश में 2024 की अपेक्षा 2025 में कम हुए सडक़ हादसे, बुराहनपुर में सबसे कम हादसे

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हादसों की रोकथाम के लिए एमपीआरडीसी ने शुरू किया था रिस्पॉन्स सिस्टम

उज्जैन। मप्र में सडक़ों पर होने वाले हादसों के मामले में उज्जैन छठे नंबर पर है। इंदौर जोन नंबर वन है। बीते एक साल में इंदौर जोन में 17,500 दुर्घटनाएं हुई हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यहां पर अन्य जोन की तुलना में वाहनों की औसत रफ्तार तेज होना है। वहीं, भोपाल 13,000 घटनाओं के साथ चौथे नंबर पर है। सागर दूसरे और धार तीसरे पायदान पर है। लेकिन अच्छी बात यह है कि ओवरऑल पूरे प्रदेश में वर्ष 2024 की अपेक्षा 2025 में कम घटनाएं हुई हैं।

इस बात का खुलासा मप्न रोड डेक्लपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा सडक़ हादसों की रोकथाम के लिए शुरू किए गए एक्सीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम के नतीजे से हुआ।साल 2024 में जनवरी से जून तक करीब 2.77 लाख हादसों की सूचना मिली थी। जबकि इस साल जनवरी से जून तक करीब 1.49 लाख घटनाओं की सूचना मिली।

यह वे आंकड़े हैं, जो आरडीसी द्वारा यात्रियों के लिए शुरू की गई इमरजेंसी सेवा 1099 से जुटाए गए थे। यहां यात्री हादसों के समय या परेशानी में होने पर इस नंबर पर कॉल करते हैं। इसके बाद इन्हें आरडीसी की तरफ से मदद भेजी जाती है। हादसों के मामले में उमरिया, बुरहानपुर और श्योपुर सबसे अच्छी स्थिति में हैं। इन तीनों जिलों में मिलाकर 5,700 घटना की सूचना ही मिली।

कमर्शियल और इंडस्ट्रियल इलाकों में ज्यादा हादसे

एमपीआरडीसी ने एक्सीडेंट रिस्पॉन्स सिस्टम पर मिलने वाली सूचनाओं और की गई मदद के बाद प्रदेश के सभी हाई एक्सीडेंट जोन का विश्लेषण किया। इसमें निकलकर आया कि ज्यादातर कमर्शियल और इंडस्ट्रियल इलाकों में हादसे हुए हैं। जबकि सरकारी कार्यालय और स्कूलों के आसपास कम हादसे हुए हैं। रिपोर्ट से पता चला कि यहां वाहन चालक बाकी इलाकों की अपेक्षा वाहन को धीमी गति में चलाते हैं। हादसों के मामले में ओपन स्पेस वाले इलाके अधिक हैं। यानी जहां सडक़ पर सीधे कोई भी आ सकता है, वहां हादसे अधिक हुए हैं। बता दें कि एक्सीडेंट रिस्पांस सिस्टम सेवा 28 दिसंबर 2014 में शुरू की गई थी और तब से 16 जुलाई 2025 तक कुल 5.90 लाख घटनाएं हुई हैं।

हादसे वाले टॉप 10 जिले

इंदौर        17,500
सागर       14,200
धार          14,100
भोपाल      13,000
रीवा         11,900
उज्जैन       10,800
जबलपुर    10,400
छिंदवाड़ा   9,700
सतना        9,300
सीहोर       8,300

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