रफ्तार के पहियों पर सवार उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन का काम

त्रिवेणी के पुराने ब्रिज पर यातायात रोका, रास्ता किया डायवर्ट

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  • 1692 करोड़ राशि होगी खर्च
  • 17 मीटर अभी चौड़ाई
  • 25 मीटर बनने के बाद चौड़ाई
  • 46.475 किमी सिक्सलेन की लंबाई

अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। सिंहस्थ 2028 से पहले बनने वाले उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन निर्माण रफ्तार के पहियों पर सवार है। वाहन चालकों को आवागमन में परेशानी ना हो इसलिए अलग-अलग हिस्सों में इसका काम किया जा रहा है। इसके तहत कई जगह पर सडक़ के दोनों ओर मिट्टी डालकर उन्हें रोलर की मदद से समतल किया जा चुका है तो कुछ जगह काम चल रहा है।

अब त्रिवेणी पर बने पुराने ब्रिज पर यातायात को रोक रास्ता डायवर्ट कर दिया गया है। यहां से अब बिजली के पोल और जालियां हटाई जा रही हैं। दरअसल, उज्जैन-इंदौर सिक्सलेन का भूमिपूजन 19 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया था। इस योजना के तहत फोरलेन को सिक्सलेन में बदला जा रहा है। 1692 करोड़ रुपए से बनने वाले इस सिक्सलेन का निर्माण महाकाल हाईवे प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने शुरू किया है। फोरलेन में अभी 8.5-8.5 मीटर की दो-दो लेन यानी कुल चौड़ाई 17 मीटर है। सिक्सलेन में सडक़ का हिस्सा 12.5-12.5 मीटर चौड़ा यानी कुल 25 मीटर हो जाएगा।

टुकड़ों में चल रहा काम

46.475 किमी का सिक्सलेन इंदौर के अरबिंदो से उज्जैन के हरिफाटक ब्रिज तक बनेगा जिसका निर्माण टुकड़ों में किया जा रहा है। कई जगह पर सडक़ों के दोनों ओर मिट्टी डालने के बाद इसे समतल किया जा चुका है। कई जगह जेसीबी की मदद से खुदाई कर पेड़ों को हटाया जा रहा है। सिंहस्थ 2028 से पहले इसे पूरा किया जाना है।

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