सिंहस्थ से पहले पत्थर की सवा सौ मूर्तियां बनाने का लक्ष्य
अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन महाकाल नगरी उज्जैन अब धार्मिक मूर्ति बनाने का गढ़ भी बनने जा रहा है। प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के माध्यम से महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ ये मूर्तियां बनवा रहा है। पिछले एक माह से मूर्तियों को गढऩे का काम शुरू हो गया है।
विक्रमादित्य शोधपीठ ने सिंहस्थ 2028 से पहले उज्जैन में 125 मूर्तियां बनाने का लक्ष्य लिया है। भगवान शंकर, सप्तऋषि सहित विभिन्न देवी देवताओं की ये मूर्तियां कलाकार तैयार कर रहे हैं। वर्तमान में हरिफाटक ओवरब्रिज के पास हाट बाजार परिसर में कलाकार पत्थरों की बड़ी बड़ी शिलाओं को आकार दे रहे हैं। शोधपीठ के अधिकारियों के अनुसार मूर्तियां तैयार होने के बाद उज्जैन सहित प्रदेश के विभिन्न नगरों में भी भेजी जाएंगी। मूर्तियां बनाने का काम तेज करने के लिए विक्रम कीर्ति मंदिर परिसर में भी कार्यशाला आयोजित की जाएगी।
उज्जैन में वर्कशॉप आयोजित कर 125 मूर्तियां बनाने का लक्ष्य रखा है। बड़े पत्थरों को तराश कर ये बनाई जा रही हैं। मूर्तियां प्रदेश के विभिन्न शहरों में भी भेजी जाएंगी।
– श्रीराम तिवारी, निदेशक विक्रमादित्य शोधपीठ