अनदेखी: परिसर में एक साल से धूल खा रही 1 करोड़ की मशीनें अब भेजेंगे मंदसौर

केन्द्र सरकार ने जिला अस्पताल को दी थी टीबी कल्चर लैब मशीन….
उज्जैन। जिला अस्पताल को तोडक़र यहां मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज बनाया जाना है। ठेकेदार ने परिसर के भवनों को तोडऩे का काम शुरू कर दिया गया है। यहां से विभागों में रखा जरूरी सामान माधव नगर व चरक अस्पताल में शिफ्ट हो चुका है, लेकिन कल्चर टेस्ट लैब की एक करोड़ रुपए कीमत की मशीनें अब भी पुराने भवन में धूल खा रही हैं, जिन्हें अब मंदसौर भेजने की तैयारी है।
प्रदेश में तीन ही जिलों में है मशीन
देश से टीबी की बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। जिला चिकित्सालय परिसर में टीबी के मरीजों को भर्ती कर मुफ्त दवाएं देकर उपचार किया जा रहा था। अस्पताल पहुंचने वाले मरीज का स्वाब लेकर कल्चर टेस्ट कराना होता है। यह टेस्ट प्रदेश के भोपाल, इंदौर व जबलपुर में ही होता है। इसकी रिपोर्ट 15 से 30 दिनों बाद मिल पाती है।
सेंट्रल डिविजन की टीम ने दौरे के बाद भेजी थी मशीनें
दिल्ली से आई स्वास्थ्य विभाग के सेंट्रल डिविजन की टीम ने टीबी के मरीजों और उनके उपचार के लिए जिला चिकित्सालय द्वारा किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया था। उस दौरान अफसरों ने कल्चर टेस्ट लैब मशीन उपलब्ध कराने की मांग टीम से की थी। यही कारण रहा कि केन्द्र सरकार ने दो वर्षों पूर्व जिला चिकित्सालय को करीब एक करोड़ रुपए कीमत की उक्त मशीनें उपलब्ध कराई थी।
इसलिए भेज रहे मंदसौर
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार जिला चिकित्सालय की सेठी बिल्डिंग में रखी कल्चर टेस्ट मशीनों को अब मंदसौर के सरकारी अस्पताल पहुंचाया जाएगा। इसके पीछे कारण यह है कि उक्त मशीनों को रखकर लैब शुरू करने के लिए न तो चरक अस्पताल में और न ही माधव नगर अस्पताल में जगह उपलब्ध है। अब मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज का काम भी शुरू हो चुका है। ऐसे में उक्त मशीनों को यहां रख पाना संभव नहीं है।
लैब शुरू करने की जगह नहीं मिली
कल्चर टेस्ट लैब शुरू करने के लिए बड़े हॉल की जरूरत थी। मशीन अलग-अलग पार्ट्स में है। इसे इंस्टॉल करने के अलावा फर्नीचर, लाइट फिटिंग आदि कार्य भी होना थे। तत्कालीन सिविल सर्जन और सीएमएचओ द्वारा मशीनों की फिटिंग और लैब शुरू कराने में रूचि नहीं दिखाई गई। जिला चिकित्सालय परिसर में कहीं भी जगह उपलब्ध नहीं हो पाई। यही कारण रहा कि इन मशीनों की सील तक नहीं खुली और आज भी यह मशीनें पैकिंग हालत में धूल खा रही हैं।
मेडिकल कॉलेज बनने के बाद मिलेगा सेटअप
जिला चिकित्सालय के भवनों को तोडक़र अब मेडिसिटी मेडिकल कॉलेज बनाने का काम शुरू हो चुका है। मेडिकल कॉलेज मल्टीस्पेशलिटी वाला रहेगा। उस योजना के अंतर्गत कल्चर टेस्ट लैब भी तैयार होगी जिसमें नया सेटअप मिलेगा। इस कारण मंदसौर भेजी जा रही उक्त मशीनों को वापस लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
नई बिल्डिंग बनने के बाद स्थापित करेंगे
शासन निर्देश के अनुसार रतलाम या मंदसौर सरकारी अस्पताल में उक्त मशीन को भेजा जाएगा। हमारी ओर से हामूखेड़ी में नई बिल्डिंग का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। नई बिल्डिंग बनने के बाद इन मशीनों को यहां स्थापित किया जाएगा। उक्त मशीनें उज्जैन जिला चिकित्सालय को मिली हैं।
डॉ. अशोक पटेल, सीएमएचओ