जलप्रदाय के मुद्दे पर पूर्व निगम अध्यक्ष का सुझाव
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। गंभीर डेम फुल भर जाने के बाद एक तरफ शहर में रोज जलप्रदाय के लिए विपक्ष निगम प्रशासन पर दबाव बना रहा है तो सोमवार को शहर के कुछ इलाकों में पीने का पानी ही नहीं पहुंचा। कांग्रेस नेता और पूर्व निगम अध्यक्ष आजाद यादव ने महापौर मुकेश टटवाल से अनुरोध किया है कि अभी रोज जलप्रदाय न करें। सिर्फ गर्मी के दिनों में ही रोज जल प्रदाय करें। इससे निगम प्रशासन अनिर्णय की स्थिति में है। इसको लेकर एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें सिर्फ गर्मी के दिनों में रोज जलप्रदाय पर निर्णय लिया जा सकता है।
उज्जैन में 2250 एमसीएफटी क्षमता का गंभीर डेम पूरी तरह से भर चुका है, लेकिन सोमवार को सराफा, भागसीपुरा, डाबरीपीठा जैसे इलाकों में पानी की सप्लाई नहीं हो सकी। इस कारण रहवासी।परेशान रहे। दरअसल, गऊघाट का फिल्ट्रेशन प्लांट इन दिनों वेंटिलेटर पर है। ठेकेदार निगम प्रशासन से पिछला बकाया करीब डेढ़ करोड़ रुपए मांग रहा है। इस कारण एक पंप के सहारे ही जलप्रदाय करने वाली टंकियां भरी जा रही हैं। इस कारण सोमवार को जलप्रदाय प्रभावित हुआ।
सुझाव मिला है
नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष आजाद यादव की ओर से सुझाव मिला है कि रोज जलप्रदाय का निर्णय अभी न लें। गर्मी में रोजाना जल प्रदाय करें। सर्वदलीय बैठक बुलाकर रोजाना जलप्रदाय पर विचार करेंगे।
-मुकेश टटवाल, महापौर
कांग्रेस शहर में रोज जलप्रदाय के लिए दबाव बना रही है। इसकी शुरुआत पार्षद माया त्रिवेदी ने उपनेता गब्बर कुआल आदि के साथ निगम आयुक्त कार्यालय के बाहर धरना देकर की थी। निगम प्रशासन इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं ले सका है। इसकी वजह यह कि फिल्टर प्लांट के पंप ठीक नहीं हो सके हैं। सूत्रों के अनुसार पहले भी आधी टंकियां भरकर ही शहर में जलप्रदाय किया जा रहा था।
पूरी टंकियां भरने से जलप्रदाय व्यवस्था बिगड़ सकती है। इस कारण रोज जलप्रदाय के लिए पंपों का ठीक होना जरूरी है। एक नए घटनाक्रम में निगम के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता आजाद यादव ने महापौर टटवाल से मोबाइल पर चर्चा कर अनुरोध किया है कि अभी शहर में रोज जलप्रदाय नहीं किया जाए, क्योंकि बारिश और सर्दी के दिनों में पानी की जरूरत कम रहती है। इसलिए गर्मी के मौसम में ही रोज जलप्रदाय किया जाए। इससे पानी की बचत होगी और जरूरत के समय लोगों को पानी के संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस स्थिति को देख महापौर सर्वदलीय बैठक बुलाने पर विचार कर रहे हैं, जिसमें विपक्षी नेताओं के साथ बैठकर जलप्रदाय को लेकर निर्णय लिया जा सके।
ऐसे भी बचाएं पानी
1. वाशिंग सेंटरों की जांच की जाए कि वे कमर्शियल कनेक्शन से काम कर रहे या नहीं।
2. जिन वाशिंग सेंटरों पर पानी का अपव्यय होता है, उस पर नियंत्रण किया जाए।
3. अवैध नल कनेक्शन बंद किए जाएं। इसके लिए टाइम लिमिट के साथ अभियान चलाया जाए।