चौड़ीकरण का भी प्रस्ताव नहीं
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। पुराने शहर को फ्रीगंज क्षेत्र से जोडऩे के लिए पिछले सिंहस्थ में बने जीरो प्वाइंट ओवरब्रिज पर ट्रैफिक का न केवल दबाव बढ़ा है, बल्कि रोज जाम लगने से लोग परेशान हैं और पूछा जाता है कि अभी ये हाल हैं तो सिंहस्थ में क्या होगा…? जीरो प्वाइंट ब्रिज की योजना में बड़ी खामी यह छूट गई कि इसे फोरलेन नहीं बनाया जा सका।
इसका परिणाम अब शहर के लोगों को भरना पड़ रहा फ्रीगंज तरफ दोनों साइड रास्ते होने के कारण वाहनों के बीच जाम लगता है। इससे लंबे जाम लगने लगे हैं। इस सिंहस्थ में इस ब्रिज पर श्रद्धालुओं का दबाव सबसे ज्यादा रहेगा। इससे प्रयागराज जैसे हालात बन सकते हैं। सिंहस्थ के दौरान भीड़ नियंत्रण एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
फ्रीगंज तरफ खतरनाक हालात
जाम लगने के तीन कारण
1. हॉस्पिटल्स: जीरो प्वाइंट ब्रिज की फ्रीगंज शाखा तरफ प्राइवेट हॉस्पिटल्स ज्यादा हैं। एक हॉस्पिटल ब्रांच शुरू होने वाले स्थान पर ही है। इमरजेंसी में जब एंबुलेंस रुकती है तो जाम लगता है।
2. एंड प्वाइंट पर रस्ते: फ्रीगंज ब्रांच के एंड प्वाइंट पर दो रास्ते हैं। एक सब्जी मंडी तरफ तो दूसरा फ्रीगंज क्षेत्र तरफ। दोनों तरफ से वाहनों का आवागमन होने से जाम लगता है।
3. उपयोगिता बढ़ी: इस ब्रिज की उपयोगिता ज्यादा बढ़ गई है। आगर रोड, कोयला फाटक क्षेत्र और पुराने शहर की तरफ जाने के लिए यह ज्यादा उपयोगी है। इससे वाहनों की संख्या बढ़ी लेकिन ब्रिज संकरा होने से बार-बार जाम लगता है।
ये हो सकता एक उपाय
ब्रिज पर जाम के हालात खत्म करने के लिए प्रशासन को इस सिलसिले में जनप्रतिनिधियों के साथ हॉस्पिटल प्रबंधन और व्यापारियों की एक बैठक बुलाकर उपाय किए जाना चाहिए। फ्रीगंज तरफ की ब्रांच के दोनों रास्तों को बंद कर केवल पैदल यात्रियों के लिए रखना चाहिए। प्राइवेट हॉस्पिटल की एंबुलेंस और गाडिय़ां ब्रिज के नीचे से बीजेपी कार्यालय तरफ से होकर लाई और निकाली जा सकती हैं। इसके लिए दोनों रास्तों की तरफ पोल लगाए जा सकते हैं।
विचार होगा
जीरो प्वाइंट ब्रिज को लेकर अभी कोई बड़ी योजना नहीं है लेकिन भीड़ का दबाव नियंत्रित करने के लिए विचार।किया जाएगा।
नीरजकुमार सिंह कलेक्टर