देशभर में चरणबद्ध तरीके से लागू होगा SIR

चुनाव आयोग ने की तैयारी — पहले इन राज्यों में होगी शुरुआत
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चुनाव आयोग देशभर में मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण (SIR – Systematic Intensive Revision) की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से लागू करने जा रहा है। आयोग का उद्देश्य है कि देश की मतदाता सूचियों को अद्यतन, त्रुटिरहित और वास्तविक मतदाताओं तक सीमित किया जा सके।
पहले चरण में किन राज्यों से होगी शुरुआत
आयोग सूत्रों के अनुसार, एसआईआर की शुरुआत उन राज्यों से की जाएगी जहां वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इन राज्यों में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य नवंबर 2025 तक शुरू किया जा सकता है।
इसके अतिरिक्त, कुछ अन्य राज्यों को भी पहले चरण में शामिल किए जाने की संभावना है। वहीं, बिहार में यह प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, जहां 30 सितंबर को लगभग 7.42 करोड़ मतदाताओं की अद्यतन सूची प्रकाशित की गई।
🔹 स्थानीय निकाय चुनाव वाले राज्यों में फिलहाल विराम
आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन राज्यों में इस समय स्थानीय निकाय चुनाव चल रहे हैं या प्रस्तावित हैं, वहां फिलहाल एसआईआर प्रक्रिया नहीं चलाई जाएगी। ऐसा इसलिए ताकि राज्य की चुनाव मशीनरी निकाय चुनावों पर केंद्रित रह सके और मतदाता सूची पुनरीक्षण के कार्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
🔹 राज्य चुनाव अधिकारियों को दिए निर्देश
इस माह की शुरुआत में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में चुनाव आयोग ने सभी राज्य मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को निर्देश दिया है कि वे अगले 10 से 15 दिनों के भीतर एसआईआर लागू करने की तैयारियां पूरी कर लें।मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग सभी राज्यों में इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक समीक्षा और तैयारी कर रहा है तथा अंतिम निर्णय शीघ्र लिया जाएगा।
🔹 कई राज्यों में दशकों बाद होगी गहन समीक्षा
दिल्ली में अंतिम बार 2008 में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण हुआ था, जबकि उत्तराखंड में 2006 में। वहीं, अधिकांश राज्यों में यह प्रक्रिया 2002 से 2004 के बीच हुई थी।
इस लंबे अंतराल के बाद अब एसआईआर के ज़रिए पुरानी और अप्रमाणिक प्रविष्टियों को हटाने, मृत अथवा स्थानांतरित मतदाताओं के नामों को साफ करने और नई पात्र प्रविष्टियों को जोड़ने पर जोर दिया जाएगा।
🔹 क्या है एसआईआर का उद्देश्य
एसआईआर का मुख्य उद्देश्य है –
मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करना,
डुप्लिकेट या अवैध नामों की पहचान कर हटाना,
नए पात्र मतदाताओं को जोड़ना, और प्रत्येक मतदाता की पहचान और जन्मस्थान का सत्यापन करना।
यह कदम देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में चुनाव आयोग का बड़ा प्रयास माना जा रहा है










