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उज्जैन नगरीय निकाय चुनाव 2022 : मैदान थामने से पहले दोनों ही दलों के सामने बागियों को रोकने की चुनौती

कांग्रेस-भाजपा में टिकट वितरण से असंतोष-बवाल वंचित दावेदार विरोध में उतरे

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उज्जैन। निगम चुनाव में भाजपा और कांग्रेस में टिकट वितरण से उपजा असंतोष सड़क पर आ गया। कांगे्रस-भाजपा में 54 वार्डों के अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा के बाद टिकट से वंचित कई नेता विरोध में उतर गए हैं। इन नेताओं द्वारा प्रदर्शन, वरिष्ठों का घेराव किया जा रहा है। पुतला दहन भी किया गया है। नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन के बाद कांग्रेस-भाजपा में घमासान मचा हुआ है। विरोध का दौर शुरू हो गया। दोनों ही दल में कार्यकर्ता गलत टिकट वितरण का आरोप लगा रहे है। इधर नाम वापसी के पहले दोनों ही दलों के सामने मैदान बागियों को रोकने की चुनौती है।

चुनाव को लेकर कांग्रेस और भाजपा में असंतोष की स्थिति बन गई है। दोनों ही दल के वरिष्ठ नेता अपने ही कार्यकर्ताओं के निशाने पर हैं। कार्यकर्ताओं ने सीधे आरोप लगाया कि नेताओं ने योग्य उम्मीदवारों को वार्ड से टिकट नहीं देकर पार्टी ने अपनी स्थिति बिगाड़ ली है।

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भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय लोक शक्ति भवन पहुंचकर नारेबाजी की। वार्ड 9 के कार्यकताओं का कहना है कि वार्ड में जिसे पार्टी ने चुनाव में उतारा है। उसकी छवि होने के कारण चुनाव जीतना मुश्किल है। वार्ड 9 भाजपा कार्यकर्ता राजकुमार घावरी ने बताया कि वार्ड 9 में भाजपा उम्मीदवार का पूरी तरह विरोध है। कार्यकर्ताओं का कहना था कि वार्ड से योग्य प्रत्याशी को टिकट दिया जाए। अन्यथा वार्ड से भाजपा उम्मीदवार की हार तय है। कार्यकर्ताओं ने मंत्री डॉ. मोहन यादव और विधायक पारस जैन के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराई है।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुतला जलाया

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शहर कांग्रेस कार्यालय पर वार्ड 35 के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बबलू खीची को टिकट नहीं मिलने पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताई। बबलू खीची ने कहा कि युवा वर्ग एनएसयूआई युवा कांग्रेस और आईटी सेल में इलेक्टेड होकर आए हैं। इसके बाद भी युवाओं को अनदेखा किया गया। कांग्रेस कार्यालय के बाहर गलत टिकट वितरण का विरोध कर नारेबाजी करते हुए पुतला जलाया।

बूथ अध्यक्षों के इस्तीफे

वार्ड 29 में टिकट वितरण से नाराज भाजपा के बूथ अध्यक्षों ने त्यागपत्र दे दिए हैं। सराफा मंडल में आने वाले वार्ड 29 के 9 बूथ अध्यक्ष ने अपने इस्तीफे भेजे हैं।

22 जून को नाम वापसी पर साफ होगी तस्वीर: नगर निगम के पार्षद के 54 पदों के लिए कुल 352 नामांकन पत्र जमा हुए हैं। इनमें से 146 कांग्रेस की तरफ से और 133 भाजपा की ओर से दाखिल हुए हैं। यानी दोनों दलों के 172 कार्यकर्ता बगावत की राह पर हैं। यह वे कार्यकर्ता है जो कि टिकट वितरण से नाखुश है या असंतुष्ट। लिहाजा इन्होंने भी फार्म जमा कर चुनाव में उतरने की इच्छा जताई है। इनके द्वारा बढ़ाया गया यह बगावती कदम पार्टियों में परेशानी खड़ी कर रहा है।

22 जून को नाम वापस नहीं लेने की स्थिति में कई कार्यकर्ता निर्दलीय मैदान में रहकर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार की मुश्किल बढ़ा सकते हैं। ऐसे में पार्टियों को चिंता है कि यह चुनावी गणित बिगाड़ ना दें। लिहाजा दोनों ही पार्टियों को समक्ष इन असंतुष्टों को मनाने व समझाने की चुनौती है। दोनों दल अपने बागियों को समझाने में कितने सफल होंगे यह 22 जून को नाम वापसी के दिन साफ होगा। बता दें कि नामांकन के दौरान भाजपा के अधिकृत 54 प्रत्याशियों के अलावा 79 अन्य लोगों ने पार्टी से फार्म जमा किए हंै। ऐसे ही कांग्रेस के अधिकृत 53 प्रत्याशियों के अलावा 93 अन्य लोगों ने भी पार्टी के नाम से फार्म भरे हैं।

अधिकृत प्रत्याशी के लिए बी-फार्म अनिवार्य

उप जिला निर्वाचन अधिकारी वीरेंद्र सिंह दांगी के अनुसार जिस प्रत्याशी का पार्टी फार्म नंबर 9-8 (बी-फार्म) जमा कराएगी वह पार्टी का अधिकृत प्रत्याशी हो जाएगा। उसी दल से नामांकन दाखिल करने वाले अन्य प्रत्याशी निर्दलीय हो जाएंगे। उनके सामने दो विकल्प रहेंगे या तो नाम वापस लें या निर्दलीय चुनाव लड़े। फार्म नंबर 9-8 नहीं ला पाने वाले प्रत्याशी का नामांकन निरस्त नहीं होगा बल्कि आरओ निर्दलीय कर देंगे।

वार्ड क्रमांक 20 में किसकी लाटरी लगेगी…?

वार्ड 20 से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी महेश जयनारायण शर्मा आखिरी दिन नामांकन फार्म जमा नहीं करवा पाए। वे समय रहते फार्म के साथ संलग्न किए जाने वाले दस्तावेज तैयार नहीं करवा पाए थे। ऐसे में इस वार्ड से कांगे्रस को अधिकृत उम्मीदवार पर तय करना होगा।

इस वार्ड से कुल 8 प्रत्याशी मैदान में है। इनमें से दो राजेश बाथली और राजेश लश्करी ने कांग्रेस की ओर से नामांकन दाखिल किया है। देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस दोनों में से किसे अपना बी-फार्म देती है या दोनों को ही अधिकृत नहीं मानती हैं।

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