उज्जैन:मामला SBI,सेठीनगर ब्रांच का कोरोना काल में ब्रांच आने के लिए बुज़ुर्ग कस्टमर्स पर दबाव बना रहे मैनेजर

उज्जैन। एक और कोरोना काल में जहाँ शहर लॉक डाउन में है और प्रशासन के निर्देशों का पालन करते हुए घरों में है ऐसे में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, सेठीनगर के मैनेजर मिलिंद पाद्ये द्वारा ग्राहकों को जबरदस्ती बैंक आने पर मजबूर किया जा रहा है। आज सुबह 11 बजे सेठीनगर शाखा की एक खाताधारक बुज़ुर्ग महिला को अपने अकाउंट में अपना पता और मोबाइल नंबर अपडेट करवाना था।

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उक्त महिला के घर में 3 दिन पूर्व ही एक कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक हुआ है, इसलिए उन्होंने अपना सामजिक दाइत्व निभाते हुए स्वयं ना जाकर अपने यहाँ काम करने वाले युवक को बैंक भेजा और वहां से पता परिवर्तन और मोबाइल नंबर अपडेट करने का फॉर्म मंगवाया। फॉर्म भर कर उस पर अपने हस्ताक्षर और ज़रूरी दस्तावेजों के साथ महिला ने उसी युवक को पुनः फॉर्म जमा करने भेजा। लेकिन मैनेजर पाद्ये ने उस युवक को यह कहते हुए हड़काया की जिसको यह परिवर्तन करवाना है वह स्वयं ब्रांच में फॉर्म जमा करने आए अन्यथा कुछ नहीं होगा।

अथॉरिटी लेटर की व्यवस्था :स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में ऐसे मामलों के लिए जिसमे की खाता धारक किन्ही कारणों से ब्रांच आने में असमर्थ हो, ऐसी परिस्थिति के लिए अथॉरिटी लेटर का प्रावधान किया हुआ है। जिससे की खाताधारक अपने किसी प्रतिनिधि को इन कार्यों के लिए अपने अधिकार दे सकता है। बावजूद इसके यह रास्ता बताने के मैनेजर द्वारा खाता धारक बुज़ुर्ग महिला पर ब्रांच आने का दबाव बनाया गया।

अथॉरिटी लेटर का है विकल्प – सीआरएम कहोल

रीजनल ऑफिस के सीआरएम रमेश कहोल से जब इस विषय में चर्चा की तो उन्होंने बताया की ऐसी परिस्थिति जिसमे ग्राहक किसी कारण वश ब्रांच आने में असमर्थ हो ऐसे में वह किसी को अथॉरिटी लेटर जारी करते हुए अपना प्रतिनिधि बना कर बैंक में भेज सकता है। यदि इस प्रकार का ब्रांच बुलाने का दबाव मैनेजर द्वारा बनाया गया है तो यह गलत है। उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बुर्जुर्गों के लिए समर्पित एसबीआई की छवि ख़राब करने में लगे मैनेजर

स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में ही सबसे ज्यादा बुज़ुर्गों और रिटायर्ड लोगों के खाते होते हैं क्यूंकि राष्ट्रीकृत बैंक होने के कारण लोगों का विशवास सबसे अधिक इसी बैंक पर है। देश की सबसे बड़ी बैंक होने के बाद भी ब्रांच प्रमुखों की ऐसी कार्यप्रणाली से बैंक की छवि धूमिल होती है।

पहले भी हो चुकी है कई शिकायतें :स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया सेठी नगर ब्रांच के मैनेजर मिलिंद पाद्ये की कार्यप्रणाली से कई खाताधारक उनकी शिकायतें जीएम ऑफिस तक कर चुके हैं। 6 माह पूर्व उन्होंने एक खाता धारक पर अपना करंट अकाउंट बंद करने का दबाव इसलिए बनाया क्यूंकि उन्होंने उनकी शाखा से गोल्ड लोन नहीं लिया था और ना ही उनके किसी बांड या अन्य इन्शुरन्स प्रोडक्ट में निवेश किया था। इसकी शिकायत भी जीएम तक पहुँचने के बाद रीजनल ऑफिस से शीर्ष अधिकारीयों ने ग्राहक को संतुष्ट किया और मैनेजर पाद्ये ने स्वयं ग्राहक से माफ़ी मांगते हुए अपनी शिकायत वापस करवाई थी।

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