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उज्जैन:लायन्स क्लब में पहली बार ‘वोट’ की खातिर धनबल का ‘उपयोग’

प्रायवेट इंजीनियरिंग कॉलेज से ही बना दिए दो क्लब

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उज्जैन। सेवा गतिविधियों के लिए पहचाने जाना वाला अभिजात वर्ग (एलीट क्लास) के अंतरराष्ट्रीय लायन्स क्लब में संभवत: ऐसा पहली बार हो रहा है,जब महत्वपूर्ण पद की पहली पायदान को पाने के लिए धनबल का ‘उपयोग’ किया जा रहा है। अधिकम मतदाता जुटाए जा सके, इसके लिए जेब से रुपए लगाकर नए क्लब का गठन कर दिया गया है। लायन्स इंटरनेशनल के इतिहास में यह पहली मर्तबा उज्जैन में हो रहा है।

लायन्स क्लब का सूत्र वाक्य हैं- ‘हम सेवा करते हैं। सेवा के लिए माध्यम की नहीं उद्देश्य-लक्ष्य की आवश्यकता होती है। शहर के कुछ प्रतिष्ठित माने जाने वाले व्यक्ति इसे भूलकर केवल पद पाने की होड़ में लग गए है। लायन्स क्लब की डिस्ट्रिक्ट में गवर्नर का पद महत्वपूर्ण होता है।

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यहां तक पहुंचने के लिए वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-२ और वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर- १ का मुकाम हासिल करना होता है। वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-२ का चयन डिस्ट्रिक्ट के अन्य लायन्स क्लब के वोट से होता है। इसमें १० सदस्यों पर एक वोट बनता है। वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-२ के चुनाव अगले वर्ष संभावित है और इसे लेकर कवायद प्रारंभ हो चुकी है।

चुनाव जीतने के लिए बना दिए 15 नए क्लब

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आमतौर पर अभी तक जितने में लायंस क्लब बने है उसमें प्रमुख रूप से डॉक्टर, सीए, व्यापारी, उद्योगपति, अधिकारी, नेता, सामाजिक कार्यकर्ता तक होते है। इस बार चुनाव जीतने की मंशा से कई युवा और अन्य लोगों को सदस्य बनाकर क्लब का गठन किया गया है। वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-2 के लिए उज्जैन से तीन दावेदार सामने आए है।

इनमें से दो दावेदारों ने तो अधिक वोट बनाने के लिए करीब 15 नए क्लब का गठन कर लगभग 70 से 74 से अधिक वोट के प्रबंध किए है। इसमें मजे की बात यह है कि वाइस डिस्ट्रिक्ट गर्वनर-2 बनने की दावेदारी कर रहे एक उम्मीद्वार ने अपने ही प्रायवेट कॉलेज स्टॉफ के दो क्लब बना दिए। इसके लिए प्रति सदस्य 3500 रु. का शुल्क भी जमा किया गया है।

यह भी खास….

लायंस क्लब उज्जैन डिस्ट्रिक्ट जी-2323 में 120क्लब हैं और इनके करीब 4 हजार सदस्य हैं। उज्जैन में 40क्लब संचालित हो रहे हैं। वहीं 15नए क्लबों का गठन किया गया है।

सर्वोच्च पद डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बनने के लिए पहले वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-2 बनना होता है। इसका चयन क्लब के सदस्य के आधार पर निर्धारित मतदाताओं द्वारा किया जाता है।

वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-2 का कार्यकाल एक वर्ष का होता है और इसके बाद क्लबों की विशेष कांफ्रेंस में सहमति/असहमति के आधार पर वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-२ का स्टांलेशन वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर-1 पर होता है। इसका कार्यकाल भी एक वर्ष होता है। इसके बाद फिर सहमति/असहमति के आधार पर डिस्ट्रिक्ट गवर्नर का स्टांलेशन होता है।

वर्षों पहले लायंस क्लबों में पदाधिकारी और सदस्य रहे वरिष्ठ सदस्यों का कहना है कि मतों की जुगाड़ के लिए नए क्लब का गठन पहली बार देखने में आ रहा है। देश के किसी भी शहर में कोई नेत्र ,रक्त कैम्प आयोजित होता दिखता है तो पहला नाम लायन्स क्लब वाले ही होंगे ज़हन में आता है ।

यह बात भी पता चली है कि उज्जैन के लायन्स क्लब में इन दिनो आने वाले वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर -2 के चुनाव के लिए जमकर प्रचार, गुट बाज़ी, क्लब को प्रलोभन, नए क्लब का खुलते जाना वोट के गणित से, क्लब के बकाया ड्यूज़ भरना, प्रभावशाली सदस्यों की फ़ीस तक भरने का दौर जारी है ।

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