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गंभीर अपराध वाले बीस कैदी अपने परिवार के साथ खुली जेल में रह पाएंगे

शर्त-12 वर्ष में आने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिये खाली करना होंगे कमरे

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उज्जैन।केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में खुली जेल के निर्माण की अनुमति के साथ ही पहली किश्त भी जारी हो चुकी है जिसका भूमिपूजन आगामी दिनों में होगा, लेकिन शासन स्तर पर शर्त यह है कि खुली जेल को 12 वर्ष में आने वाले सिंहस्थ महापर्व के लिये खाली करना होगा।

भैरवगढ़ जेल में वर्तमान में 2500 से अधिक विचाराधीन और सजायाफ्ता बंदी सजा काट रहे हैं। यहां खुली जेल निर्माण का मामला लंबे समय से योजना में शामिल था। अब इसके लिये पहली किश्त जारी हो चुकी है और जनप्रतिनिधियों से समय लेकर भूमिपूजन का कार्यक्रम आयोजित होना है। खुली जेल में हत्या सहित अन्य गंभीर अपराधों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को परिवार के साथ खुली जेल में रहने की अनुमति मिलेगी। योजना के अनुसार ऐसे कैदी दिन में आम लोगों की तरह शहर में काम पर जाएंगे और शाम को काम से लौटकर खुली जेल में परिवार के साथ समय भी बिता पाएंगे।

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सम्मान पाने में होगी आसानी… जेल अधीक्षक उषा राज ने बताया कि गंभीर अपराधों के कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे और सजा खत्म होने के बाद खोया सम्मान पुन: प्राप्त करने में आसानी होगी। खुली जेल का उद्देश्य ही कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩा है।

तीन माह पहले करना होगी खाली
जेल प्रशासन द्वारा केन्द्रीय जेल भैरवगढ़ में खुली जेल निर्माण की अनुमति के साथ ही पहली किश्त के रूप में एक करोड की राशि स्वीकृत कर दी गई है। भैरवगढ़ जेल के पास बनने वाली खुली जेल सिंहस्थ क्षेत्र में आती है और इसी के मद्देनजर जेल प्रशासन को सिंहस्थ महापर्व के तीन माह पहले इसे खाली करना होगा। यह प्रक्रिया प्रत्येक 12 वर्ष में आने वाले सिंहस्थ के दौरान लागू होगी।जेल अधीक्षक उषा राज ने बताया कि गंभीर अपराधों के कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे और सजा खत्म होने के बाद खोया सम्मान पुन: प्राप्त करने में आसानी होगी। खुली जेल का उद्देश्य ही कैदियों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩा है।

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