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बच्चे पर बुरा असर डाल सकती हैं, पेरेंट्स की ये बातें

माता-पिता और बच्चों को रिश्ता बहुत ही नाजुक होता है। जरा सी बात पर रिश्तों में दरार आ सकती है। बच्चे के जन्म के साथ-साथ माता और पिता का जन्म भी होता है। बच्चे की परवरिश के दौरान माता-पिता को भी कई नई चीजें सीखने को मिलती हैं।

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अगर आप भी एक बच्चे के माता-पिता हैं तो आपको भी बहुत ही संभलकर रहना होगा। माता-पिता की एक छोटी सी गलती भी बच्चे के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा प्रभाव डालती है। कई बार बच्चे के द्वार की हुई छोटी सी गलती की बाद भी माता-पिता उसे डांटने लग जाते हैं, जिसके कारण बच्चा और भी गुस्सैल हो जाता है।

माता-पिता के नेगेटिव कमेंट्स से कई बार बच्चे डिप्रेशन में भी आ सकते हैं। तो चलिए आपको कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जिनके जरिए आप अपनी इस आदत को सुधार सकते हैं।

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कोई भी बात बोलने से पहले सोच लें

यदि बच्चा कोई गलती करता और आप उसे डांटते हैं तो अपने आप को कुछ समय के लिए शांत रखें। बच्चे को डांटने से पहले यह बात सोच लें कि यदि कोई आपके साथ ऐसा करेगा तो आपको कैसा लगेगा। बच्चे को किसी भी बात पर डांटने से पहले सोच लें। आप बच्चे को प्यार से समझाने का प्रयास भी कर सकते हैं।

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बच्चे को समझाने की करें कोशिश

अगर आप बच्चे को खाने पीने, खड़े होने की आदत से या फिर कपड़े पहनने के स्टाइल से डांटते हैं तो यह बात बिल्कुल गलत है। माता-पिता की ऐसी बातों के कारण बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं। आप बच्चे को नेगेटिव कमेंट्स करने की जगह उसे समझने की कोशिश करें। यदि आप उसके खड़े होने का और कपड़े पहनने का तरीका पसंद नहीं आ रहा तो आप उसे खुद यह चीजें समझाने की कोशिश करें।

बच्चे को थोड़ी देर रोने भी दें

कई बार माता-पिता अपने बच्चों के डांट देते हैं जिसके कारण बच्चे रोने भी लग जाते हैं। बच्चे को रोता हुआ देखकर माता-पिता भावनाओं में बह जाते हैं और कहने लगते हैं कि यह उनकी गलती है। अगर आप भी ऐसा कुछ करते हैं तो एक बार सोच लें। कई बार बच्चों को रोने देना भी जरुरी होता है। इसलिए आप उन्हें मनाने का प्रयास बिल्कुल भी न करें, खासकर जब बच्चे की कोई गलती हो।

ज्यादा रुल्स भी न बनाएं

कई बार माता-पिता बच्चों के लिए रुल्स बनाना शुरु कर देते हैं। जिसके कारण बच्चा थोड़ा गुस्सैल भी हो सता है। बच्चों को अनुशासन के बारे में पता होना जरुरी है। लेकिन ज्यादा नियम बनाने से बच्चा खुद के दबाव में महसूस करेगा। ऐसा दबाव बच्चे के लिए कई तरह की परेशानियां खड़ी कर सकता है।

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