मंडल अभिभाषक संघ की चुनाव प्रक्रिया, नियमों पर सवालिया निशान…

मतदान के दो दिन पहले बवाल : आरोप-प्रत्यारोप, जमकर तू-तू..मैं-मैं..

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उज्जैन।मंडल अभिभाषक संघ उज्जैन के चुनाव में प्रक्रिया,नियमों पर सवालिया निशान लग रहे हैं। इसी को लेकर मतदान के दो दिन पहले बवाल मच गया। दो पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप के बीच तीखी बहस और जमकर तू-तू,मैं-मैं हुई।

बीच-बचाव के लिए वरिष्ठों को हस्तक्षेप करना पडा। मंडल अभिभाषक संघ चुनाव के पहले कार्यकारिणी द्वारा साधारण सभा आयोजित नहीं करने,प्रक्रिया में नियमों के उल्लंघन, प्रक्रिया में पक्षपात को लेकर हंगामा-बवाल हुआ। शनिवार को अभिभाषकों का एक समूह चुनाव की प्रोसेस, नियमों पर बात करने के लिए पुस्तकालय पहुंचा था।

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यहां निर्वाचन अधिकारी व अभिभाषकों के मध्य बवाल हो गया। जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगे। तीखी बहस हुई। स्थिति बिगड़ती देख वरिष्ठों ने हस्तक्षेप कर मामले को शांत किया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वरिष्ठ यदि आगे नहीं आते विवाद बढता और कुछ भी हो सकता था। बहरहाल इस स्थिति के बाद सोमवार को होने वाले मंडल अभिभाषक संघ के चुनाव को लेकर सरगर्मी और तेज हो गई है।

मतदान से पहले साधारण सभा
मंडल अभिभाषक संघ के निर्वाचन अधिकारी नीलेश योगी का कहना है कहीं कोई विवाद नहीं हैं। सब कुछ नियमानुसार और तय प्रक्रिया के अंतर्गत हो रहा हैं। इसमें स्टेट बार कोंसिल के निर्देशों का पालन होगा। साधारण सभा सोमवार को प्रात: 10 बजे आयोजित की जाएगी। मतदान को लेकर सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी है। मतदान केंटीन हॉल में होगा। कोरोना गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। पूरी निर्वाचन प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग होगी।

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इसलिए उठे सवाल

नियमानुसार संघ के 1270 मतदाताओं को पंजीकृत डाक से साधारण सभा और निर्वाचन दिनांक की कोई सूचना नहीं दी गई।

पूर्व में 22 मार्च को होने वाले स्थगित चुनाव से लेकर वर्तमान मतदान दिनांक 27 सितंबर तक नियम अनुसार निवर्तमान कार्यकारिणी की साधारण सभा आयोजित क्यों नहीं की गई।

संघ की आगामी कार्यकारिणी का कार्यकाल 1 वर्ष का होगा या 2 वर्ष का अभी तक स्पष्ट नहीं किया गया है। अध्यक्ष पद के 2 प्रत्याशियों ने वर्ष 2021 से 2023 तक के 2 वर्षीय कार्यकाल के लिए वोट मांगे हैं। वही एक प्रत्याशी ने 2021-22 के एक वर्षीय कार्यकाल के लिए अध्यक्ष बनाने का आग्रह किया है।

साधारण सभा होती तो वर्तमान कार्यकारिणी द्वारा संघ की तोड़ी गई एफडी को लेकर स्थिति स्पष्ट करना होती। कोरोना काल में स्टेट बार काउंसिल के निर्देश पर प्रदान अनुदान राशि के हितग्राहियों के नाम सार्वजनिक होते। आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत होता। ऑडिट रिपोर्ट पटल पर रखी जाती। ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि साधारण सभा आयोजित ही नहीं की गई।

कोरोना पॉजिटिव मरीज को एक निश्चित समय अवधि तक क्वारेंटाइन रखना जरूरी है। इसे नजरअंदाज कर संभावित कोरोना पॉजिटिव मतदाता के लिए अलग बूथ बनाया।

मंडल अभिभाषक संघ में चुनाव लडऩे के लिए स्टेट बार कौंसिल द्वारा कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं इसके तहत अध्यक्ष पद का चुनाव लडऩे के लिए 20 वर्ष का अनुभव आवश्यक है वही अन्य पदाधिकारी और कार्यकारिणी सदस्य चुनाव के लिए 15 साल का अनुभव जरूरी है इसके बावजूद वर्तमान चुनाव में जूनियर अभिभाषक चुनाव मैदान में उतरे हैं।

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