माफ नहीं हुए बिल, होल्ड हैं.. अब एक माह का बिल आ रहा है हजारों रुपए…

जुलाई तक के होल्ड करने के बाद पहले ही महीने बिजली बिलों की ज्यादती

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश की गरीब जनता के जुलाई माह तक के पिछले सभी पेंङ्क्षडग बिल होल्ड कर दिए हैं। सितंबर माह में लोगों के पास केवल एक महीने की बिजली खपत के बिल पहुंचे हैं। होल्ड होने के बाद पहले माह जो बिलिंग हुई है उससे लोग परेशान हैं क्योंकि गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले एक बत्ती कनेक्शन और 300-400 स्क्वेयर फीट के मकान में रहने वाले उपभोक्ताओं को सितंबर माह में जो बिल मिले हैं वो 3 हजार से लेकर 7 हजार रुपए तक हैं। बिजली बिलों की ज्यादती के बाद स्मार्ट मीटर और बिजली कंपनी ने एक ज्यादती और की कि बिजली बिल पहुंचने के बाद तत्काल ही उपभोक्ताओं के घरों की बिजली भी काट दी गई।

जयसिंहपुरा के रहने वाले किशोर बनाफर पिता अजय बनाफर ने बताया कि उनका मकान बहुत छोटा है। वे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की श्रेणी में हैं। उनके घर का बिजली का औसत बिल 38 से 52 के बीच आता है।

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एक मई माह में केवल ज्यादा बिल आया था क्योंकि इस महीने घर में मांगलिक कार्यक्रम थे इसलिए इन दिनों बहुत ज्यादा बिजली का उपभोग किया था। इसके अलावा सामान्य महीने में उनकी बिजली की खपत 40 यूनिट से कम ही होती है। सितंबर माह में अचानक स्मार्ट मीटर ने 342 यूनिट की खपत बता दी।

एक महीने का बिल आया 2931 रुपए। बनाफर ने बताया कि इसे जमा करने में एक दिन देरी हो गई तो कंपनी ने घर की बिजली काट दी। बिजली बिल जमा करने के लिए बनाफर पति-पत्नी दोनों साथ आए। बिजली कंपनी के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने बिजली बिल आधा कर 1500 रुपए जमा करने के लिए सील लगा दी।

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जब वे बिल जमा करने बिलिंग विंडो पर गईं तो यहां बैठे बिल जमा करने वाले बाबू ने पूरा बिल जमा कर दिया। कहा कि गलती से पूरा ही जमा हो गया। बनाफर को मजबूर होकर पूरा बिल जमा करना पड़ा। पत्नी ने कहा कि घर का सामान ले जाना था पूरा पैसा बिजली के बिल में जमा हो गया। पूरे महीने का बजट बिगड़ गया.

ऐसा ही एक मामला महाकाल क्षेत्र में रहने वाले संतोष राव का सामने आया। संतोष ने बताया कि कोरोना काल से पहले उनके घर की बिजली खपत प्रति माह 132 से 152 यूनिट तक होती थी। लेकिन स्मार्ट मीटर लगने के बाद से लगातार की 300 से 400 यूनिट प्रतिमाह हो रही है। कोरोना काल में बिजली बिल जमा नहीं हुए और फिर बढ़ते बढ़ते हजारों रुपए हो गए। मध्यप्रदेश सरकार ने अगस्त तक के बिजली बिल होल्ड किए लेकिन सितंबर में जो बिल आया उससे घर में सभी परेशान हो गए।

क्योंकि आश्चर्य जनक रूप से इस महीने एक महीने की बिजली खपत 482 यूनिट हुई और बिल 5300 रुपए आया। जब बिजली कंपनी के अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा की तो उन्होंने एक महीने की 482 यूनिट की खपत बताई और बिल की राशि को बिल्कुल सही ठहराया। कांग्रेस नेता मकसूद अली ने कहा कि सरकार ने लोगों को गफलत में डाल दिया है कईं लोगों को यह लग रहा है कि बिजली बिल माफ हो गए हैं लेकिन सरकार ने चुनावी दाव खेलते हुए बिजली के बिलों को होल्ड कर दिया है जैसे ही चुनाव होंगे सरकार लोगों से सूद सहित बिजली बिलों की वसूली करेगी।

जितनी बिजली का उपयोग हो रहा है उतना ही बिल कंपनी द्वारा जारी किया गया है। स्मार्ट मीटर लगे हुए है तो इस तरह की समस्या होना ही नहीं चाहिए। यदि किसी के ज्यादा बिल या अनुपातिक खपत ज्यादा हो रही है तो जांच करवाई जा सकती है। राजेश हारोडे, ईई पश्चिम क्षेत्र बि.क.

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