राष्ट्रपति मुर्मु ने देखा माडल, योजना को सराहा

महाकाल महालोक नया करने और बदलने की क्षमता का प्रमाण है

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन पिछले दिनों इंदौर आईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘इंडिया स्मार्ट सिटी कान्क्लेव-2023’ में जनअवलोकनार्थ रखे ‘श्री महाकाल महालोक’ के माडल को देखा और काम को सराहा। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से कहा कि ‘उज्जैन का महाकाल महालोक अपने शहरी स्थानों को नया करने और बदलने की क्षमता का एक प्रमाण है। स्थिरता और स्मार्ट समाधानों के लिए शहर की प्रतिबद्धता वास्तव में सराहनीय है।’

स्मार्ट सिटी मिशन के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी उज्जैन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने और देश के समग्र विकास में योगदान देने में ऐसी परियोजनाओं के महत्व पर जोर दिया। बता दे कि कान्क्लेव में स्मार्ट सिटी मिशन में शामिल देश के 100 शहरों के अफसर-जनप्रतिनिधियों ने भागीदारी की थी। उन्होंने यहां शहरी परिदृश्य को बदलने के उद्देश्य से अपनी अग्रणी परियोजनाओं का प्रदर्शन किया था।

दूसरे चरण में 22 कार्य

दूसरे चरण में 779 करोड़ रुपये के स्वीकृत 22 कार्यों में कुछ कार्य प्रचलित हैं। हाल ही में सरफेस पार्किंग का लोकार्पण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने किया। शिखर दर्शन, चिंतन वन, आपातकालीन प्रवेश-निर्गम, महाकालेश्वर अन्न क्षेत्र निर्माण, महाराजवाड़ा भवन उन्नयन परियोजना, छोटा रूद्रसागर पर पैदल ब्रिज निर्माण, नीलकंठ वन मार्ग निर्माण प्रचलन में है।

1174 करोड़ रुपये की योजना

बता दें कि मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार सिंहस्थ- 2028 को ध्यान में रख ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर परिसर को आठ गुना बड़ा और भव्य बनाने के लिए 1174 करोड़ रुपये की ‘महाकाल महालोक योजना’ स्वीकृत कर चुका है। पहले चरण में बड़ा रूद्रसागर किनारे विशाल मूर्तियों के रूप में 395 करोड़ रुपये की योजना आकार ले चुकी है, जिसका लोकार्पण गत वर्ष 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था।

यह कार्य प्रचलन में

रूद्रसागर पर पैदल ब्रिज का निर्माण छोड़ शेष कुछ कार्यों का लोकार्पण अगले कुछ दिनों में किया जाना संभावित है। इंदौर गेट रेलवे स्टेशने महाकाल महालोक तक 209 करोड़ रुपये से रोप-वे बनाने, रूद्रसागर में पानी की स्क्रीन तैयार कर उस पर महाकालेश्वर के प्राकट्य और उज्जयिनी की गौरव गाथा सुनाने को 32 करोड़ लागत का लेजर लाइट एंड साउंड सिस्टम लगाने, रामघाट को पुरातन स्वरूप में निखारने पर लगी रोक हटाकर 13 करोड़ रुपये का अधूरा विकास कार्य पूरा कराने का काम भी जल्द शुरू कराने का दावा है।

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