शिप्रा आरती द्वार से सुनहरी घाट तक बना पार्किंग स्टैंड

नगर निगम व पुलिसकर्मी एक-दूसरे की बता रहे जिम्मेदारी

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उज्जैन।कोरोना कफ्र्यू के बाद शुरू हुई अनलॉक की प्रक्रिया के दौरान प्रशासन द्वारा शिप्रा नदी के घाटों पर उत्तर कार्य व पूजन पाठ के लिये आने वाले लोगों को कोरोना नियमों के अंतर्गत छूट दी गई है, लेकिन यहां नियमों का पालन नहीं हो रहा बल्कि एक यजमान के साथ 5 से 10 लोगों के दो पहिया, चार पहिया वाहनों से रामघाट पर आने के कारण आरती द्वार से लेकर छोटे पुल तक के घाट वाहन पार्किंग स्टैंड में बदल गये हैं।

अनलॉक प्रक्रिया के तहत प्रशासन ने कोरोना नियमों के अंतर्गत एक यजमान को वैक्सीन प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के बाद उत्तर कार्य सम्पन्न कराने की अनुमति दी गई लेकिन घाटों पर कहीं भी नियमों का पालन होते नजर नहीं आ रहा। अनेक लोग बिना मास्क और सेनेटाइजर के भीड़ लगाकर पूजन पाठ कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति के साथ 5 से 10 लोग उत्तर कार्य के लिये अपने दो पहिया, चार पहिया वाहनों से पहुंच रहे हैं। सुबह शिप्रा आरती द्वार से लेकर छोटे पुल तक वाहनों की स्थिति यह थी कि घाटों पर कुल 110 दो पहिया वाहन और एक दर्जन से अधिक चार पहिया वाहन खड़े थे।

यहां तैनात पुलिसकर्मी मोहन सिंह से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि नगर निगम का कचरा कलेक्शन वाहन के कर्मचारी बार बार बेरिकेड्स खोल देता इसी कारण घाटों पर वाहनों की कतार लग जाती हैं, जबकि रामघाट पर तैनात सफाई व्यवस्था प्रभारी नीरज शर्मा का कहना था कि कचरा कलेक्शन वाहन निश्चित समय पर आता है बाद में बेरिकेड्स लगा दिये जाते हैं। लोगों को वाहन लेकर घाटों पर आने की अनुमति नहीं है बावजूद इसके लोग नियमों का पालन नहीं करते।

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