अधिकमास की अमावस्या पर करें ये उपाय, दूर होगी सारी विपदाएं 

अधिकमास में आने वाले हर त्योहार और व्रत का महत्व बढ़ जाता है। चार्तुमास में अधिकमास का आना भगवान पुरुषोत्तम की असीम कृपा दिलाता है। अधिकमास में भगवान विष्णु के सभी रूपों की पूजा का खास महत्व होता है। ऐसे में यदि इस मास में कोई भी धार्मिक प्रयोजन होता है तो उसमें भगवान की विशेष कृपा होती है। अमावस्या पर दान-पुण्य का भी विशेष महत्व होता है। इस बार दर्श अमावस्या है और इस अमावस्या पर परेशानियों से निजात पाने के लिए उपाय जरूर करने चाहिए। तो आइए जानें कौन से उपाय से क्या लाभ मिलेगा और अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए।

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अधिक मास की अमावस्या का मुहूर्त

अधिक मास की अमावस्या तिथि की शुरूआत 15 अगस्त को दोपहर 12. 42 मिनट से होगी और समाप्ति 16 अगस्त को दोपहर 03.07 मिनट पर होगी।15 अगस्त मंगलवार को अधिक मास की दर्श अमावस्या है। इसे मलमास दर्श अमावस्या भी कहते हैं। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दोपहर से बन रहा है। यह योग दोपहर में 01. 59 मिनट से शुरू होगा और 16 अगस्त को सुबह 05. 51 मिनट तक रहेगा।

अधिक मास अमावस्या 16 अगस्त दिन बुधवार को है। इस दिन अमावस्या का स्नान और दान किया जाएगा। पितरों के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान, दान, ब्राह्मण भोज आदि इस दिन करते हैं। अमावस्या के दिन शुभ-उत्तम मुहूर्त सुबह 05:47 बजे से 07:27 बजे तक है।

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उसके बाद सुबह 10:47 बजे से दोपहर 03:46 बजे तक अच्छा समय है। अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रात: 04:24 बजे से 05:07 बजे तक है। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:25 बजे से दोपहर 02:04 बजे तक है। 

अधिकमास की अमावस्या पर करें ये उपाय 

गाय के घी का दीपक लगाएं

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अधिकमास अमावस्या की शाम घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं, बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का इस्तेमाल करें। इसमें थोड़ा केसर भी डालें। इस उपाय से मां लक्ष्मी घर में विराजमान होती हैं।

पानी में खड़ा नमक डालकर पौंछा लगाएं 

अधिकमास अमावस्या के दिन पानी में खड़ा नमक डालकर पौंछा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। घर परिवार में सुख, समृद्धि और शांति आती है। 

 मंदिर में पीपल का पौधा लगाएं 

अधिकमास अमावस्या के दिन मंदिर में पीपल का पौधा लगाने से पितर बहुत खुश होते हैं। प्रत्येक अमावस्या पर इसकी पूजा एवं संरक्षण करने का संकल्प लें। मान्यता है इस उपाय से नौकरी एवं व्यापार में कभी दिक्कतें नहीं आती।

इस मंत्र का जाप करें

वही यदि आप संकट से गुजर रहे हैं, जीवन में एक के पश्चात एक दिक्कतें आ रही हैं तो अधिकमास अमावस्या पर इस मंत्र का जाप करें- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे। सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने।। ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात् – अमावस्या पर नकारात्मक एनर्जी का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में अमावस्या पर गायत्री मंत्र का जाप अवश्य करना चाहिए, इससे बुरी शक्ति हम पर हावी नहीं हो पाती और बिना बिगड़ा कार्य पूरे होते हैं।

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