अधिनियमों के बदले प्रावधानों की जानकारी पर ही पीडि़त को न्याय दिलाया जा सकता है

उज्जैन। जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अरविंद कुमार जैन द्वारा नियो विजन सोसायटी, यूनिसेफ (जन अभियान परिषद) के सहयोग से 1 दिवसीय पॉक्सो एवं किशोर न्याय अधिनियम के संबंध में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

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जिला न्यायाधीश जैन ने अधिवक्ताओं एवं पैरालीगल वॉलंटियर्स को कहा कि एक दिवसीय कार्यशाला पॉक्सो एक्ट (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012) एवं किशोर न्याय अधिनियम 2015 के कुछ विशिष्ट प्रावधानों के संबंध में चर्चा करने के लिए रखी गई है। विगत 2-3 वर्षों के अंदर पॉक्सो एवं जेजे एक्ट के प्रावधानों में काफी बदलाव किए हैं।

जब तक न्यायाधीश एवं अधिवक्तागण बदले हुए प्रावधानों के बारे में जानकारी नहीं रखेंगे तब तक हम पीडि़त व्यक्ति को न्याय प्रदान नहीं कर सकते हैं। यह कार्यशालाएं उपयोगी रहती है। जिला विधिक सहायता अधिकारी चंद्रेश मंडलोई ने कहा कि किसी पीडि़त व्यक्ति के साथ अपराध घटित होने पर मप्र अपराध पीडि़त प्रतिकर योजना 2015 अंतर्गत सहायता राशि उपलब्ध करवाने का कार्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया जाता है।

किसी पीडि़त के साथ कोई एसिड अटैक, बलात्कार, बच्चों के साथ लैंगिक उत्पीडऩ, हत्या, गंभीर हमला कारित होता है तो वह कार्यालय में आकर संपर्क कर सकता है। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष शेरसिंह ठाकुर, किशोर न्याय बोर्ड समिति के सदस्य लोकेंद्र शर्मा ने भी जानकारी दी। जिला समन्वयक नियो विजन सोसा. यूनिसेफ ऋतेश श्रोत्रिय, संतोष कुमार सिसोदिया, मनोज कुमार सुमन, सौमित्र सिन्हा, सत्यनारायण जोशी, प्रीति धाणक, प्रीति गोयल विधि छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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