आचार्यश्री की महिमा का नाटक के जरिये सजीव मंचन

आगमोद्धारक आचार्य आनंदसागरसूरि की 147 जन्म जयंती पर हुआ गुणानुवाद

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

उज्जैन। श्वेतांबर जैन समाज के सागर समुदाय गच्छ नायक आगमोद्धारक आचार्यश्री आनंदसागर सूरिश्वरजी महाराज साहब की 147वीं जन्म जयंती खाराकुआ पेढ़ी मंदिर पर गुरु गुणानुवाद के साथ मनाई गई। समाजजनों आचाय के जन्म प्रसंग से लेकर अन्य जीवन दर्शन का नाटक के जरिये सजीव मंचन किया तो उपस्थित लोग भावविभोर हो उठे। मालव मार्तण्ड आचार्य मुक्तिसागर सूरिजी महाराज की निश्रा में हुए कार्यक्रम में साध्वी शशिप्रभा श्रीजी व साध्वी दमिताश्रीजी सहित अन्य साध्वी मंडल उपस्थित रहे।

नाटक मंचन में समाज के प्रमोद जैन उन्हेलवाला ने आचार्यश्री के पिता, शीला जैन ने माता, ममता जैन ने बुआ व सिद्धार्थ जैन ने इंद्रदेव का किरदार निभाया। सभी ने गीत संगीत के साथ आचार्यश्री के जन्म लेने से लेकर उनका नामकरण व अन्य जीवन पर आधारित प्रस्तुति दी। पेढ़ी सचिव नरेन्द्र जैन दलाल के अनुसार आगमोध्दारक आचार्यश्री की जन्म जयंती प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी हरियाली अमावस्या पर मनाई गई। इस दौरान विभिन्न धार्मिक संकल्प के साथ 147 लक्की ड्रा खोलकर लोगों को पुरस्कार भी दिये गये। इस दौरान आचार्य मुक्तिसागर ने कहा कि सागरानंद सूरिजी यदि आगम शास्त्र का संरक्षण नहीं करते तो ये शास्त्र हमें पढऩे, सुनने को नहीं मिल पाते। उनकी तीव्र बुद्धि क्षमता, कुशाग्रता व गहन अध्ययन से ही आगमों का संवर्धन हो पाया है। कार्यक्रम के आरंभ में दीप प्रज्जवलन, गुरुपूजन का लाभ कल्याणमल संजय जैन खलीवाला परिवार ने लिया। स्वागत उद्बोधन गौतमचंद धींग ने दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद रहे। सभी ने गुरु के गुणों को अंगीकार कर व उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। नाट्य मंचन व कार्यक्रम का संचालन राहुल कटारिया ने किया व आभार ट्रस्ट के संरक्षक जयंतीलाल जैन तेलवाला ने माना।

advertisement

Related Articles

close