आचार्यश्री संग पहली बार शहर आए इंजीनियर से जैन मुनि बने मलय सागर

By AV NEWS

उज्जैन। जैन समाज की नगर की प्रमुख संस्था श्री ऋषभदेव छगनीराम पेढ़ी ट्रस्ट खाराकुआ के दो दशक से ज्यादा समय तक अध्यक्ष रहे इंजीनियर महेन्द्र सिरोलिया संयम जीवन ग्रहण करने के बाद मुनिश्री मलय रत्न सागर के रूप में शुक्रवार को पहली बार शहर पधारे है।

आचार्य मतिचंद्र सागर सूरी जी एवं अध्यात्म योगी गणिवर्य आदर्श रत्न सागर जी मसा के साथ उनका प्रवेश जुलूस दौलतगंज स्थिति कांच के जैन मंदिर से निकला। जिसमें प्रभु का रथ, 10 से अधिक महिला मंडल, इंद्र ध्वजा, ढोल बैंड बाजे आदि शामिल रहे। घी मंडी, सखीपुरा की जिन गलियों में मलय सागर जी ने अपना सांसारिक जीवन बिताया वहां के लोग मुनि के रूप में उन्हें देखकर भावविभोर हुए और आत्मीयता के साथ उन्हें वंदन किया। विभिन्न मार्गों से जुलूस खाराकुआ पेढ़ी मंदिर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हुआ।

सखीपुरा निवासी सिरोलिया रोटरी क्लब के अध्यक्ष सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं मे भी जुडे रहे। करीब दो वर्ष पहले कोरोना काल के दरमियान उन्होंने सब कुछ त्यागकर भोपाल में सादे समारोह में जय दीक्षा ग्रहण की थी। करीब 3 साल बाद उनका इस रूप पहला नगर आगमन हुआ। उनके सांसारिक परिवार वीणाबेन सौरभकुमार सिरोलिया परिवार की ओर से स्वामीवात्सल्य रखा गया। ट्रस्ट अध्यक्ष सौरभ सिरोलिया एवं सचिव नरेंद्र जैन दलाल के अनुसार हमारा सौभाग्य रहा कि वर्षों तक पेढ़ी अध्यक्ष का पद संभालने वाले आज हमारे बीच मुनि रुप में पधारे।

Share This Article