उज्जैन : महाकालेश्वर मंदिर विस्तार की खुदाई में 1000 वर्ष पुराने परमार कालीन मंदिर का भाग मिला

उज्जैन। उज्जैन स्थित बाबा महाकाल मंदिर के विस्तार के लिए की जा रही खुदाई में करीब 1,000 साल पुराने परमार कालीन मंदिर का ढांचा सामने आया है। खुदाई में 11वीं शताब्दी की कई अहम मूर्तियां भी निकली हैं। इस खुदाई के बाद परमार कालीन वास्तुकला का बेहद खूबसूरत मंदिर दिखाई देने लगा है।30 मई को महाकाल मंदिर के अगले हिस्से में खुदाई के दौरान मिली माता की प्रतिमा और स्थापत्य खंड की जानकारी जैसे ही संस्कृति विभाग को लगी, उन्होंने तुरंत पुरातत्व विभाग भोपाल के चार सदस्यों को उज्जैन महाकाल परिसर के निरीक्षण के लिए भेजा।

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टीम को लीड कर रहे पुरातत्वीय अधिकारी डॉ. रमेश यादव ने कहा था कि 11वीं-12वीं शताब्दी का मंदिर नीचे दबा हुआ है, जो की उत्तर वाले भाग में है। दक्षिण की और चार मीटर नीचे एक दीवार मिली है, जो करीब करीब 2,100 साल पुरानी हो सकती है। 2020 में भी महाकाल मंदिर में करीब 1,000 साल पुराने अवशेष मिले थे। मंदिर के अगले हिस्से में विश्राम भवन बनाया जा रहा है। इसके लिए की गई खुदाई के दौरान अवशेष सामने आए थे। इसके बाद काम को रोका गया था।

अभी पता नहीं मंदिर किसने बनवाया था…
महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान एक के बाद एक पुरातत्व धरोहर निकलती जा रही है। यहां मूर्तियों का ढेर लग चुका है। पुरातत्व अधिकारी डॉ. रमेश यादव ने बतया कि अभी यह बता पाना मुश्किल है की खुदाई में बाहर आया मंदिर किस बनवाया था। इस पर स्टडी की जाएगी। सभी मूर्तियों और मंदिर के स्ट्रक्चर का एलाइनमेंट होगा, उसके बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है। उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि पुरातत्व अवशेष को बचाना है इस कारण काम की रफ्तार धीमी है।

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