कब है रामनवमी जाने पूजा विधि व महत्व

By AV News

रामनवमी का त्योहार हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ, जिन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है. हर वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. वर्ष 2025 में यह पावन पर्व 6 अप्रैल, रविवार को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान राम की विशेष पूजा और अर्चना करने से सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.

रामनवमी 2025 का शुभ मुहूर्त

नवमी तिथि प्रारंभ: 6 अप्रैल 2025 को सुबह 02:36 AM से
नवमी तिथि समाप्त: 7 अप्रैल 2025 को सुबह 12:27 AM तक
रामनवमी पूजन का शुभ समय: 6 अप्रैल को दोपहर 11:00 AM से 01:30 PM तक

रामनवमी का महत्व

हिंदू धर्म में राम नवमी का बहुत महत्व है. मान्यता है कि राम नवमी के दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है. घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. इस दिन पूजा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. जिससे घर में धन धान्य में बढ़ोत्तरी होती है. मां सीता माता लक्ष्मी का ही रूप हैं. ऐसे में अगर राम नवमी के दिन भगवान राम के साथ माता सीता का पूजन किया जाता है तो मां लक्ष्मी का आर्शीवाद प्राप्त होता है.

राम नवमी का उत्सव क्यों मनाया जाता है?

राम नवमी भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था. इसलिए, हर वर्ष इसी दिन राम नवमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भक्त उपवास रखते हैं, रामायण का पाठ करते हैं और भजन-कीर्तन के माध्यम से प्रभु श्रीराम की स्तुति करते हैं.

राम नवमी पूजा विधि

स्नान और संकल्प: इस पावन दिन की शुरुआत प्रातः स्नान करके भगवान श्रीराम का स्मरण करने से करें।

मूर्ति स्थापना: पूजा स्थल को स्वच्छ करें और वहां भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।

पूजा सामग्री अर्पण: भगवान को चंदन, पुष्प, धूप और अक्षत अर्पित करें।

दीप प्रज्वलन: शुद्ध देसी घी का दीप जलाकर भगवान को भोग लगाएं, जिसमें फल, मिठाई और पंचामृत हो।

रामचरितमानस और मंत्र जाप: इस दिन रामचरितमानस, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

आरती और क्षमा प्रार्थना: अंत में भगवान श्रीराम की आरती करें और सभी के कल्याण की प्रार्थना करें।

राम नवमी 2025 पर शुभ संयोग

इस साल राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग बन रहा है, जिससे यह दिन और अधिक मंगलकारी हो जाता है। इसके अलावा, सुकर्मा योग शाम 6:54 बजे तक रहेगा, जिसके बाद धृति योग का निर्माण होगा। ये सभी संयोग इस दिन की पूजा को और भी अधिक फलदायी बनाते हैं।

रामनवमी पर करें ये शुभ कार्य, हर संकट से मिलेगी मुक्ति

रामनवमी केवल एक पर्व नहीं है, बल्कि यह श्रीराम के आदर्शों को अपनाने और उनकी कृपा प्राप्त करने का एक पवित्र अवसर है. इस दिन किए गए शुभ कार्य सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और जीवन की सभी कठिनाइयों को दूर करने में मदद करते हैं. आइए जानते हैं उन 7 कार्यों के बारे में, जिन्हें रामनवमी पर करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है.

श्रीराम का पाठ और पूजा करें

रामनवमी के अवसर पर भगवान राम के जन्मोत्सव की खुशी में घरों और मंदिरों में रामचरितमानस, रामरक्षा स्तोत्र या राम नाम का संकीर्तन किया जाता है. श्रीराम की आरती और भजन करने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और घर में सुख-शांति का वातावरण बना रहता है.

गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन प्रदान करें

भगवान राम ने अपने जीवन में दूसरों की सेवा और दान का महत्व बताया. इस दिन, निर्धन और असहाय लोगों को अन्नदान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इससे घर में समृद्धि बनी रहती है और भगवान श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है.

अखंड दीप जलाएं और घर में पवित्रता बनाए रखें

रामनवमी के अवसर पर घर या मंदिर में अखंड दीप जलाना अत्यंत शुभ होता है. यह भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है और इसे जलाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है, जिससे सुख और समृद्धि का आगमन होता है.

तुलसी के पौधे की पूजा करें

तुलसी माता भगवान विष्णु को बहुत प्रिय हैं, और श्रीराम को विष्णु का अवतार माना जाता है. इस दिन तुलसी के पौधे की पूजा करना, जल अर्पित करना और उसकी परिक्रमा करने से घर में शुभता आती है और पापों का नाश होता है.

जरूरतमंदों को वस्त्र और अन्य आवश्यक वस्तुएं दान करें

रामनवमी के अवसर पर वस्त्र, खाद्य सामग्री, जल, पुस्तकें और अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान करना अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह न केवल पुण्य अर्जित करता है, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और भाग्य भी लाता है.

हनुमान जी की विशेष पूजा करें

भगवान हनुमान श्रीराम के महान भक्त माने जाते हैं. इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड या बजरंग बाण का पाठ करना बहुत शुभ होता है. इससे सभी प्रकार के संकट और भय दूर होते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त होती है.

माता-पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद प्राप्त करें

भगवान राम ने हमेशा अपने माता-पिता और गुरुजनों का सम्मान किया. इस दिन उनके आदर्शों का पालन करते हुए माता-पिता और गुरुजनों का आशीर्वाद लेना चाहिए. इससे जीवन में सफलता, समृद्धि और सकारात्मकता बनी रहती है.

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