छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर…..रायपुर में लगा 10 दिनों का Total lockdown

रायपुर में प्रवेश करने वाले यात्री को ई-पास के माध्यम से प्रवेश मिलेगा

केवल दूध, पेट्रोल पंप और मेडिकल सेवाएं ही होंगी संचालित

दूध वितरण और समाचार पत्रों के वितरण का समय किया गया तय

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कोरोना की बेतहाशा वृद्धि को देखते हुए प्रदेश सरकार ने 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का फैसला किया है। बता दें कि सरकार ने यह फैसला एक दिन में रिकॉर्ड 2821 मामले सामने आने के बाद लिया है। पिछले 24 घंटे में रायपुर में इस खतरनाक वायरस से 26 लोगों की जान चली गई।

राजधानी में पहली मौत 29 मई को हुई थी। कलेक्टर एस भारती दासन ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि इस दौरान जिले की सभी सीमाएं सील रहेंगी। उन्होंने बताया कि दूध वितरण के लिए समय निर्धारित किया गया है। शराब दुकानें, पर्यटन स्थल, शासकीय एवं निजी कार्यालय बंद रहेंगी। सरकार से अनुमति प्राप्त परीक्षाओं को छोड़कर बाकी अन्य परीक्षाए स्थगित रहेंगी।

लॉकडाउन के दौरान इन नियमों का करना होगा पालन

रायपुर में प्रवेश करने वाले यात्री को ई-पास के माध्यम से प्रवेश मिलेगा

कोरोना टीकाकरण के लिए व्यक्तियों को छूट दी जाएगी

सभी धार्मिक संस्थाएं बंद रहेंगी

शहर की सभी शराब की दुकानें बंद रहेंगी

आपातकाल में चार पहिया वाहन, ऑटो में ड्राइवर सहित अधिकतम तीन लोगों को अनुमति मिलेगी

मीडिया कर्मी घर से ही काम करेंगे। अतिरिक्त गंभीर स्थिति में आफिस आने पर आईडी कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा

केवल दूध, पेट्रोल पंप और मेडिकल सेवाएं ही होंगी संचालित

बेवजह वाहनों को दुरुपयोग किया गया, तो 15 दिन के लिए वाहन होंगे जब्त

रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट के लिए टैक्सी सेवाए चालू रहेगी

दूध वितरण और समाचार पत्रों के वितरण का समय जान लें

दूध वितरण और समाचार पत्रों के वितरण की सुबह 6 से 8 बजे और शाम 5 बजे से शाम 6:30 तक अनुमति होगी। दूध वितरण के लिए दुकान नहीं खोली जाएंगी। दुकान के सामने सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए दूध वितरण किया जाएगा।

अब तक के सबसे खतरनाक दौर में

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार अब तक के सबसे खतरनाक दौर में पहुंच गई है। राज्य में अप्रैल के पहले 6 दिनों में 37 हजार मरीज मिल चुके हैं। औसतन 6 हजार से अधिक नए पॉजिटिव रोज मिल रहे हैं। मंगलवार को राज्य में रिकॉर्ड 9,921 केस मिले और 53 लोगों की मौतें हुई हैं। प्रदेश में रोजाना औसतन 14 से ज्यादा मरीजों की जान कोरोना से गई है।

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