पालकी की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला रोका

By AV NEWS

पालकी की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला रोका

सावन बाद फिर मंथन होगा, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के सामने उठा था मुद्दा

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:सावन में निकलने वाली राजाधिराज भगवान महाकाल की पालकी की ऊंचाई बढ़ाने या रथ पर विराजित कर निकालने का प्रस्ताव प्रशासन ने अभी रोक दिया है। सावन बाद इस पर प्रशासन फिर मंथन करेगा। प्रस्ताव पर सवारी का पारंपरिक स्वरूप न बदलने के स्वर उठने पर इसे टाला गया है।

सावन सवारी के दौरान पालकी में विराजित भगवान महाकाल के दर्शन भक्तों को आसानी से न हो पाने के कारण रविवार शाम प्रशासन, जनप्रतिनिधि और पुजारियों की संयुक्त बैठक में पुजारी प्रदीप गुरु ने रथ पर पालकी विराजित कर निकालने का सुझाव रखा, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन सकी। बैठक में यह सुझाव भी आया कि लकड़ी, चांदी या सोने का रथ बनाकर भगवान महाकाल को नगर भ्रमण कराया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार कुछ जनप्रतिनिधियों ने इसका समर्थन भी किया लेकिन अन्य प्रमुख पुजारियों ने कहा सवारी के पारंपरिक स्वरूप को बदला नहीं जाना चाहिए। इस पर कलेक्टर और मंदिर प्रबंध समिति अध्यक्ष कुमार पुरुषोत्तम ने कहा इस पर बाद में समीक्षा कर निर्णय लेंगे। जनप्रतिनिधियों के अनुसार सावन बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी, जिसमें सहमति बनने पर निर्णय लिया जा सकेगा। बैठक में

महंत विनीत गिरी श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, मंत्री मोहन यादव, विधायक पारस जैन, मप्र जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय, निगम अध्यक्ष कलावती यादव,पुलिस अधीक्षक सचिन शर्मा, एएसपी आकाश भूरिया, प्रशासक संदीप सोनी, एडीएम अनुकूल जैन, मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप गुरू, राजेन्द्र शर्मा (गुरू), राम पुजारी, महेश पुजारी, आशीष पुजारी, राजेश पुजारी, पुरोहित सत्यनारायण जोशी, गोविन्द शर्मा, जगदीश शुक्ला, दीपक मित्तल थे।

पालकी के आगे सिर्फ महाकाल अखाड़ा

बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि भगवान महाकाल की पालकी के आगे सिर्फ महाकाल अखाड़ा और उसके साथ चलने वाले भक्त रहेंगे। बाकी भजन मंडलियां पालकी के पीछे चलेंगी। इस सिलसिले में मंदिर प्रबंध समिति ने सभी को सूचनापत्र भी जारी कर दिए हैं।भजन मंडलियों में अनाधिकृत लोगों का प्रवेश भी प्रतिबंधित किया है। सभामंडप में अनावश्यक भीड़ को भी रोकने पर सहमति बनी। पालकी निर्धारित समय पर मंदिर पहुंचे, इस पर प्रशासन का फोकस रहेगा।

प्रस्ताव आया, शाही सवारी के बाद बड़ी बैठक

भगवान महाकाल की पालकी की ऊंचाई बढ़ाने या रथ पर निकालने का प्रस्ताव आया था। इस पर शाही सवारी के बाद बड़ी बैठक बुलाकर विचार करेंगे। -मुकेश टटवाल, महापौर

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