उज्जैन।अभ्युदयपुरम जैन गुरुकुल में चल रहे ऐतिहासिक अंजनशलाका प्रतिष्ठा महामहोत्सव रविवार को सूरज नगर ग्राउंड से ऐतिहासिक मंगल प्रवेश वरघोड़ा निकला।
इसमें 3 आचार्य, 60 साधु-साध्वी का ऐतिहासिक मंगल प्रवेश हुआ लव लश्कर के साथ निकले करीब 2 किमी लंबे इस जुलूस से मंदिरों की नगरी उज्जयिनी पाश्र्वमय मय हो गई। प्रतिष्ठा के लिए तीन जैन आचार्य सहित 60 से अधिक साधु साध्वी शहर आए। हजारों समाजजन अगवानी करने उमड़े। जुलूस मार्ग को स्वागत द्वार एवं बैनर से सजाया गया है।
मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल कटारिया के अनुसार प्रतिष्ठाचार्य श्री नरदेव सागर सूरी जी महाराज, तीर्थ प्रेरक संस्कार यज्ञ प्रणेता आचार्य श्री मुक्ति सागर सुरीश्वर जी मसा, आचार्य श्री मतिचंद्र सागर जी सहित अन्य मुनि मंडल का ऐतिहासिक नगर प्रवेश रविवार को हुआ। साथ ही उज्जैन के भंडारी परिवार की 24 वर्षीय बेटी मुमुक्षु कु. सलोनी भंडारी ने हाथी पर बैठकर वर्षीदान भी करेगी। इस बेटी कि मई में जैन दीक्षा होगी। सुबह 9 बजे सूरज नगर ग्राउंड से वरघोड़ा आरंभ शुरू हुआ जो सुखीपूरा दौलतगंज फव्वारा चौक, कंठाल, सती गेट, गोपाल मंदिर, ढाबा रोड दानी गेट होते हुए कार्तिक मेला मैदान पर पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हुआ।
शाम तक अभ्युदयपुरम पहुंचेंगे सभी साधु साध्वी
मंगल प्रवेश के बाद श्री आचार्य सहित सभी साधु एवं साध्वी मंडल पैदल विहार करते हुए धरमबडला स्थित श्री अभ्युदयपुरम गुरुकुल पहुंचेंगे। ऐसा संयोग कम ही बनता है जब इतनी बड़ी संख्या में साधु साध्वी एक महोत्सव में एकत्रित हो।
वाराणसी नगरी बसी आकर्षक साज-सज्जा- बडऩगर रोड धरम बड़ला पर निर्मित श्री कल्याण मंदिर में प्रभु अभ्युद्पयपुरम पाश्र्वनाथ प्रतिष्ठित होंगे। महोत्सव के लिए बसाई गई वाराणसी नगरी एवं मुख्य मंदिर और क्षेत्र की आकर्षक विद्युत साज-सज्जा भी की गई है।