महाकाल मंदिर के लिए फुट ओवरब्रिज की बन रही डीपीआर

रेलवे स्टेशन से मंदिर तक रोप वे का काम अटका
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन महाकाल मंदिर में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर 100 करोड़ की लागत से फुट ओवरब्रिज बनाने की योजना एक कदम आगे बढ़ गई है। सर्वे पूरा होने के बाद उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) डीपीआर तैयार करा रहा है। रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप वे की योजना अभी अधर में पड़ गई है। केंद्र द्वारा 209 करोड़ रुपए मंजूर होने के बाद अब तक काम रफ्तार पकड़ नहीं पाया है।
महाकाल मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए दिल्ली एयरपोर्ट की तर्ज पर फुट ओवरब्रिज बनाने का बीड़ा यूडीए ने उठाया है। इसका सर्वे कराया जा चुका है। इसके आधार पर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराई जा रही है। यूडीए जल्द ही इसे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को सौंपेगा। उज्जैन विकास कार्यों के सिलसिले में हाल ही में सीएम डॉ. यादव द्वारा ली गई बैठक में भी इसकी योजना पर चर्चा की गई है।
डीपीआर बनने से स्पष्ट होगा कि इस पर कुल कितना खर्च आएगा। हालांकि यूडीए ने करीब ७५ से 100 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान बताया है। डीपीआर बनाने का काम इंदौर के मेहता आर्किटेक्ट द्वारा किया जा रहा है। ब्रिज की प्रस्तावित लंबाई करीब 900 मीटर होगी। मन्नत गार्डन से महाकाल लोक के नंदी द्वार तक इस ब्रिज को बनाने की योजना तैयार की जा रही है। ब्रिज की छत पर सोलर पैनल लगाने की भी योजना है। इससे एस्केलेटर और एलिवेटर चलाए जाएंगे ताकि मेंटेनेंस का खर्च भी यूडीए को वहन नहीं करना पड़ेगा और महाकाल मंदिर आने वाले भक्तों के लिए सुविधाजनक होगा। दर्शनार्थी सीधे महाकाल लोक तक आ-जा सकेंगे।
रोप वे योजना पर स्थिति स्पष्ट नहीं
रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक पहुंचने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी रोप वे के लिए गत अगस्त माह में 209 करोड़ रुपए की सैद्धांतिक मंजूरी दे चुके हैं, लेकिन अब तक इसका टेंडर नहीं हुआ है। जुलाई 2023 से इसका काम शुरू करने की योजना थी, लेकिन काम अधर में पड़ गया। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) द्वारा इसका काम किया जा रहा है। इस योजना को लेकर भी सीएम डॉ. मोहन यादव द्वारा ली गई विकास कार्यों की समीक्षा बैठक में चर्चा की गई। सूत्रों के अनुसार 20 जनवरी से इसका काम आगे बढ़ सकता है। हालांकि महाकाल मंदिर प्रबंध समिति के कुछ सदस्य इससे सहमत नहीं हैं। इस पर खर्च और ज्यादा होने की संभावना है, लेकिन यह भी चर्चा हुई है कि मंदिर प्रबंध समिति इसके निर्माण का खर्च उठाए।
महाकाल मंदिर तक दर्शनार्थियों को जल्द पहुंचाने के लिए फुट ओवरब्रिज की योजना तैयार हो रही है। डीपीआर बनने के बाद इसकी मंजूरी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
श्याम बंसल, अध्यक्ष यूडीए
एक मंदिर, अलग अलग विभाग
महाकाल मंदिर के लिए अलग अलग विभागों द्वारा काम किए जाने से भी परेशानियां आ रही हैं। स्मार्ट सिटी योजना, यूडीए, महाकाल मंदिर प्रबंध समिति और एनएचएआई अलग अलग स्तर पर काम कर रहे। इससे भी कई तरह की अड़चनें आ रहीं। सभी योजनाओं के लिए समन्वय बनाने या किसी एक विभाग को जिम्मेदार बनाए जाने की जरूरत भी महसूस की जा रही। एनएचएआई से किसी का संपर्क न हो पाने से रोप वे की जानकारियों से आम लोग और जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी भी बेखबर हैं।










