महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के हिंदी उत्सव के दौरान ‘तितली’ नाटक का सफल मंचन

By AV NEWS

मुंबई, 18 सितम्बर। देश की नयी‌ शिक्षा नीति में अकादमिक शिक्षा को स्किल से जोड़ते हुए कौशल विकास को विशेष महत्व दिया गया है। भाषा और साहित्य विषय के अंतर्गत स्किल आधारित कौशल विकास का जीता-जागता उदाहरण महर्षि दयानंद महाविद्यालय, परेल, मुंबई के सभागार में हिंदी उत्सव के दौरान ‘तितली’ नाटक की प्रस्तुति के माध्यम से प्राप्त हुआ।

महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी और महर्षि दयानंद महाविद्यालय के हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस नाट्य मंचन कार्यक्रम में महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने ‘तितली’ नाटक प्रस्तुत किया। राजस्थान के एक क्षेत्र विशेष में प्रचलित ‘नारी कांट्रैक्ट’ जैसी कुरीति को उद्घाटित करते हुए उसके समाधान का नायाब तरीका इस नाटक की विशेषता रही।

उल्लेखनीय है कि मराठी भाषी विद्यार्थियों ने इस नाटक के मंचन, लेखन, निर्देशन, प्रकाश और मंच व्यवस्था के दायित्व का बखूबी निर्वाह किया, जिसमें राजस्थानी भाषा के संवादों से नाटक को प्रामाणिक बनाने का सफल प्रयास किया गया। दीप प्रज्ज्वलन और महाराष्ट्र राज्य गीत से आरम्भ हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत में प्राचार्या डॉ. छाया पानसे ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने नाटक मंचन की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। डॉ. उषा दुबे के संयोजन में हुए इस कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. उमेश शुक्ल ने आभार व्यक्त किया।

नाट्य मंचन में डॉ. जोशी के निर्देशन में विभिन्न विद्यार्थियों का योगदान महत्वपूर्ण रहा, जिनमें लेखक- रोहित लाड और संस्कार चौहान, निर्देशक- सैश पावसकर , रोहित लाड, संगीत -अचल पेडनेकर, प्रकाश -संस्कार चौहान, संगीत संचालन -इशान मुनगेकर, नमोस्तु लांबे, अशोक अनविसे, सेट-आर्यश अतुगडे, साहिल चौहान, मंच- विघ्नेश वाघमोडे, कलाकार -पर्थ नकारकर, स्वप्निल पाटिल, आर्य आढव, कार्तिकी दलवी, स्नेहल भंगे, अर्जुन दाभोलकर और साहिल चौहान मुख्य रूप से शामिल हैं। इस अवसर पर अकादमी सदस्य श्री श्याम शर्मा और श्री मार्कंडेय त्रिपाठी के अलावा प्रोफेसर उपाध्याय, प्रो त्यागी और सैकड़ों विद्यार्थियों की उपस्थिति में यह सुरुचिपूर्ण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

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