विधानसभा चुनाव: जिले में 52 प्रत्याशी, खर्च की नियमित मॉनिटरिंग का पुख्ता सिस्टम नहीं

By AV NEWS

मैदान में नजर रखने वालों का पता नहीं

अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:विधानसभा चुनाव की गतिविधियां तेजी से आगे बढ़ रही है। जिले की सात विधानसभा सीटों पर 52 प्रत्याशी हैं। इनके खर्च की नियमित मॉनिटरिंग का पुख्ता सिस्टम नहीं है। चुनावी मैदान में, नजर रखने वालों का पता नहीं है। खर्च का ब्यौरा उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधि के भरोसे पर चल रहा है, जो जानकारी मिलती है उस पर भरोसा किया जा रहा है। शंका-कुशंका या शिकायत पर जांच होती है।

विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता लागू की गई थी। इसके बाद जिला निर्वाचन विभाग ने संपत्ति विरूपण की प्रक्रिया और अन्य गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया है। प्रत्याशियों के व्यय पर नजर रखने के लिए भी एसएसटी और एफएसटी का गठन किया गया, लेकिन जिले में चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों की गतिविधियों की जांच के लिए टीमें मैदान में नजर नहीं आती।

जिले में सभी सात विधानसभा क्षेत्रों में 52 प्रत्याशियों पर नजर रखने की पुख्ता व्यवस्था नहीं है। प्रत्याशी खर्च की जो जानकारी दे रहे हैं, उसे ही मान लिया जा रहा है। इसकी नियमित निगरानी नहीं होती। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद ही जिले में निर्वाचन आयोग की सख्त नियमावाली लागू है। सभी विधानसभा क्षेत्र के प्रमुख चौराहों और सड़कों पर एसएसटी निगरानी कर रही है। प्रत्येक आने-जाने वाले वाहन को जांचा जा रहा है। एफएसटी भी विधानसभा क्षेत्रों का भ्रमण करती है। इसके बाद भी प्रत्याशी के खर्च की पुख्ता निगरानी नहीं होती। प्रत्याशी द्वारा प्रत्याशी ने कितने की माला खरीदी, कितने का प्रसाद चढ़ाया, कितने आरती में दिए ऐसे ही कई खर्च की मॉनिटरिंग नहीं होती है। जनसपंर्क के दौरान जिला निर्वाचन की टीमे मौजूद नहीं रहती है।

ऑनलाइन भुगतान बढ़ा

चुनाव के चलते नगदी लेकर चलना मुश्किल हो चुका है। पुलिस की चेकिंग के कारण लोगों ने नगदी लेकर चलना बंद कर दिया है। इसलिए अब ऑनलाइन भुगतान का प्रतिशत बढ़ गया है। आभूषणों की खरीदारी करने वाले अब ऑनलाइन भुगतान कर रहे हैं। असल में उसका प्रमुख कारण चुनाव के चलते लगी आचार संहिता में पुलिस और प्रशासन की चेकिंग है। जिसके कारण लोग नगदी रखकर नहीं निकल पा रहे हैं। इससे थोड़ा बहुत व्यापार प्रभावित हुआ पर ऑनलाइन भुगतान ने इस समस्या का समाधान भी दे दिया। इसलिए दुकानदार ऑनलाइन के सभी विकल्प खुले रख रहे हैं और ऑफर भी दे रहे हैं।

दुकानदार ऑनलाइन भुगतान लेने के लिए सभी विकल्प खुले रखे हुए हैं। आनइलाइन भुगतान लेने के लिए क्रेडिट कार्ड, डेविट कार्ड, यूपीआई, एनईएफटी, आरटीजीएस और चैक से भुगतान भी ले रहे हैं। डेविट और क्रेडिट कार्ड की एक निर्धारित लिमिट होती है इसलिए लोग यूपीआई और एनईएफटी व आरटीजीएस का प्रयोग अधिक मात्रा में कर रहे हैं। त्योहारी मौसम में लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। चुनाव के चलते नगदी रखकर खरीददारी करने में परेशानी आ रही थी। इसका सामधान भी लोगों ने निकाल लिया।

शिकायत होने पर होती है कार्रवाई

जिला निर्वाचन आयोग द्वारा शिकायत के लिए कलेक्टर कार्यालय में कक्ष बनाया गया है। इसके अलावा सीविजल एप पर भी शिकायत की जा सकती है। जिला निर्वाचन कार्यालय भी शिकायत आने पर जांच कर कार्रवाई करता है। कई बार आमजन को उचित फोरम की जानकारी नहीं होने पर शिकायत नहीं कर सकते। जिला निर्वाचन विभाग की टीम खुद टीम में मौजूद रहकर कार्रवाई नहीं करती है। बता दें के उज्जैन जिले में सात विधानसभा क्षेत्र (नागदा-खाचरौद, महिदपुर, तराना, घट्टिया, उज्जैन-उत्तर, उज्जैन-दक्षिण और बडऩगर) हैं, जहां से चुनाव लडऩे को खड़े 52 प्रत्याशी मैदान में है।

रोज देनी होती है जानकारी

प्रत्याशियों को प्रतिदिन के खर्च की जानकारी जिला निर्वाचन विभाग को देनी होती है। प्रत्याशी दस हजार से अधिक नकद खर्च नहीं कर सकते हैं। सभी पेमेंट चेक से ही करने का प्रावधान है। रोजाना दी जाने वाली खर्च की जानकारी की जांच विधानसभा प्रेक्षक द्वारा कराई जाती है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार प्रतिभागियों द्वारा खर्च की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय में दर्ज की जा रही है। प्रत्याशियों को भी प्रतिदिन होने वाले खर्च की जानकारी रजिस्टर्ड में दर्ज करनी होती है। इसकी जांच की जाती है। इसके अलावा नियिमित भी टीमें मॉनिटरिंग कर रही हैं।

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