शुजालपुर:गिरिराज भगवान को लगाया छप्पन भोग

By AV NEWS

जगत की दृष्टि तन पर और ईश्वर की दृष्टि अंत:करण पर होती है-पं.शास्त्री

शुजालपुर। पूतना नाम की राक्षसी भगवान श्री कृष्ण को दूध में जहर मिलाकर पिलाने आई तो भगवान ने नेत्र बंद कर लिए। क्योंकि वह सुंदरी का रूपधर कर आई थी तन तो उसने सुंदर बना लिया था पर मन तो दूषित ही था। इसलिए जिसका मन खराब हो उस पर ईश्वर नजर नहीं ड़ालता है। हम लोगो की दृष्टि तन पर होती है और ईश्वर की दृष्टि अंतकरण (मन ) पर होती है। उक्त बात अयोध्या बस्ती स्थित मीणा परिवार के यहा चल रही भागवत कथा के दौरान पं.मनोज शास्त्री ने कही।

शुक्रवार को कथा के दौरान भगवान की बाल लीलाओ का वर्णन करते हुए कथा मर्मज्ञ पं.शास्त्री ने कहा कि भगवान ने अपनी बाल लीला से लोगो को यह संदेश दिया कि भगवान से बंद बंधने पर जैसे ओखली उखड़ गई वैसे ही ईश्वर से जुडने पर जन्म मरण के बंधन छूट जाते हैं। भगवान गिरिराज ने अपनी लीला करते हुए अनेक असुरो को तार दिया तो हम इंसान को क्यो नही तारेगे बस हमे स्मरण मात्र करना है। उन्होने तो बकासुर व अकासुर जैसे राक्षसो को तारा है। कथा के दौरान भगवान को छप्पन भोग का लगाकर प्रसाद का वितरण किया गया। कथा का सुनने बढी संख्या में लोग मौजूद थे।

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