उत्तर के माथे पर दक्षिण का तिलक : एक भारत श्रेष्ठ भारत का उल्लेखनीय दृष्टांत
मुंबई, 21 सितम्बर। हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार तथा सादगी और सहजता की प्रतिमूर्ति डॉ. रामदरश मिश्र अपनी उम्र के 100 वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। इस उपलक्ष्य में मुंबई के प्रमुख समाजसेवियों द्वारा उनका सारस्वत सम्मान किया गया।
उत्तर मुंबई के सांसद श्री गोपाल शेट्टी , महाराष्ट्र के पूर्व राज्य मंत्री श्री अमरजीत मिश्र एवं महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ. शीतला प्रसाद दुबे ने गुरुवार, 21 सितम्बर , 2023 को नई दिल्ली के द्वारका स्थित ब्रह्मा अपार्टमेंट में डॉ. रामदरश मिश्र को माँ सरस्वती की प्रतिमा देकर और शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
उल्लेखनीय है कि डॉ. मिश्र ने हाल ही में 15 अगस्त, 2023 को अपने जीवन के निन्यानवे वर्ष पूरा कर के सौवें वर्ष में प्रवेश किया है। डॉ. मिश्र का जन्म गोरखपुर जिले के कछार अंचल के गाँव डुमरी में हुआ था।
श्री मिश्र जी की प्रारंभिक शिक्षा मिडिल स्कूल तक गाँव के पास के एक स्कूल में हुई। फिर उन्होंने ढरसी गाँव स्थित ‘राष्ट्रभाषा विद्यालय’ से विशेष योग्यता, बरहज से ‘विशारद’ और साहित्यरत्न की परीक्षाएँ पास कीं। 1945 में आप वाराणसी चले गये और वहाँ एक प्राइवेट स्कूल में साल भर तक मैट्रिक की पढ़ाई की। मैट्रिक पास करने के पश्चात आप काशी हिंदू विश्वविद्यालय से जुड़ गये और वहीं से इंटरमीडिएट, हिन्दी में स्नातक एवं स्नातकोत्तर तथा डॉक्टरेट किया।
कविता को छोटी -बड़ी, गीत, नई कविता अनेक शैलियों में लिखने वाले श्री मिश्र का उपन्यास, कहानी, ग़ज़ल, यात्रा वृत्तांत, निबंध, डायरी, संस्मरण आदि विधाओं में भी साहित्यिक योगदान बहुमूल्य है। डॉ. मिश्र ने इस अवसर पर अपने साहित्यिक अनुभव भी साझा किये और कहा कि गुजरात से शुरू हुई साहित्यिक यात्रा अब दिल्ली तक पहुँची है। उन्होंने गुजराती भाषियों के मन में हिंदी साहित्य के प्रति अनुराग की प्रशंसा की।
महाराष्ट्र में फ़िल्मसिटी के उपाध्यक्ष रह चुके श्री अमरजीत मिश्र ने कहा कि अपने परिवेशगत अनुभवों एवं सोच को सृजन में उतारते हुए डाॅ. मिश्र ने गाँव की मिट्टी, सादगी और मूल्यधर्मिता को अपनी रचनाओं में व्याप्त होने दिया, जो उनके व्यक्तित्व की पहचान भी है। सांसद श्री गोपाल शेट्टी ने डॉ. रामदरश मिश्र के दीर्घायु होने और स्वस्थ जीवन की ईश्वर से प्रार्थना की।
उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत का इससे बड़ा दृष्टांत और क्या होगा कि एक दक्षिण भारतीय श्री गोपाल शेट्टी को हिंदी के पुजारी डाॅ. रामदरश मिश्र के जीवन के सौवें वर्ष में प्रवेश करने पर उनका सम्मान करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया कि उन्हें राजभाषा की संसदीय सलाहकार समिति में स्थान दिया गया है। महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डॉ शीतला प्रसाद दुबे ने कहा कि हिंदी साहित्य का सौभाग्य है कि इस उम्र में भी डॉ. मिश्र की रचनाधर्मिता पूरे उफान पर है।