आज से सावन का पवित्र महीना शुरू, भूलकर भी ना करें ये सात गलतियां

By AV NEWS

हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। दरअसल देवशयनी एकादशी तिथि पर संसार के पालनकर्ता भगवान विष्णु चार महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं और भगवान शंकर सृष्टि के संचालन का भार अपने कंधों पर ले लेते हैं।

शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बहुत ही पवित्र और शिव की आराधना के लिए शुभ माना गया है।  सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सोमवार को व्रत रखने और भगवान शंकर की पूजा करने वाले जातक को मनवांछित जीवनसाथी प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है।

विवाहित औरतें यदि श्रावण महीने का सोमवार व्रत रखती हैं तो उन्हें भगवान शंकर सौभाग्य का वरदान देते हैं। सावन के महीने में शिवलिंग पर जल अभिषेक करने से कई गुणा फायदा मिलता है।  सावन के महीने में व्रत, उपासना और नियमों का पालन विशेष रूप से किया जाता है। सावन के महीने में भूलकर भी कुछ काम नहीं करना चाहिए।

1- सावन के पवित्र महीने में खाने-पीने की चीजों में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। पवित्र महीने में मांस-मछली खाने से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा खाने में लहसुन-प्याज का भी प्रयोग करना भी वर्जित होता है। सावन में सादा भोजन करना चाहिए

2- सावन में हरी पत्तेदार सब्जियों का त्याग करना अच्छा माना जाता है क्योंकि सावन में हरी सब्जियों में पित्त बढ़ाने वाले तत्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा सावन के महीने में कीट-पतंगों की संख्या बढ़ जाती है जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।

3- कभी भी शिवलिंग पर हल्दी नहीं चढ़ानी चाहिए। शिवलिंग पुरुष तत्व से संबंधित है।

4- सावन के महीनों में दूध का सेवन कम करना चाहिए। यही बात बताने के लिए सावन में शिव जी का दूध से अभिषेक करने की परंपरा शुरू हुई। वैज्ञानिक मत के अनुसार इन दिनों दूध पित्त बढ़ाने का काम करता है।

5- सावन में बैंगन खाना अच्छा नहीं माना गया है। बैंगन को शास्त्रों में अशुद्ध कहा गया है। वैज्ञानिक कारण के नजरिए से देखें तो सावन में बैंगन में कीड़े अधिक लगते हैं। ऐसे में बैंगन का स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

6- सावन के महीने में किसी भी प्रकार के बुरे विचार मन में नहीं लाना चाहिए और इस महीने में किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।

7- सावन में अगर घर के दरवाजे पर सांड या गाय आ आए तो उसे मारकर भगाने की बजाय कुछ खाने को दें। सांड को मारना शिवजी की सवारी नंदी का अपमान माना जाता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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