Advertisement

आर्य समाज ने मनाया दीपावली मिलन समारोह

उज्जैन। भारत मुख्यत: कृषि प्रधान देश है। प्राचीन समय में वर्षा ऋतु के बाद घर में नवधान्य के साथ यज्ञ करने की परंपरा थी एवं समाज में सब वर्णों के लोग मिलकर विचार-विमर्श कर उन्नति के मार्ग पर आगे बढऩे का विचार करते हुए उत्सव मनाते थे। हमारे सभी पर्व कालगणना एवं ऋतुओं पर आधारित है। उक्त विचार आर्य समाज मंदिर में दीपावली मिलन समारोह के अवसर पर वराह मिहिर वेधशाला डोंगला के प्रभारी खगोल शास्त्री घनश्याम रत्नानी ने व्यक्त किये।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

आर्य समाज के प्रधान जीवन प्रकाश आर्य ने कहा विपरीत परिस्थितियों में भी हम संगठन को न छोड़े। सुखदेव व्यास, राजेंद्र शर्मा, अंबाराम वर्मा, ललित नागर ने भी विचार व्यक्त किए। भजनों की प्रस्तुति संपत पाटीदार ने दी। यजमान दिनेश त्रिवेदी एवं आर्यजनों द्वारा देव यज्ञ में वैदिक मंत्रों से आहुतियां दी गई। संचालन उप प्रधान जितेश बत्रा द्वारा किया गया एवं आभार मंत्री डॉ. मालाकार ने माना।

Advertisement

Related Articles