उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह 4 से 10 नवंबर तक आयोजित होगा। 3 नवंबर को नंादी होगा। आयोजन के दौरान एकल/ सामुहिक प्रस्तुतियां होंगी,जिनमें नृत्य-नाटक-गायन-वादन शामिल रहेगा। सभी आयोजन अकादेमी परिसर के मुक्ताकाशी मंच पर आयोजित होंगे।
कालिदास संस्कृत अकादेमी,उज्जैन के प्रभारी निदेशक डॉ.संतोष पण्ड्या ने बताया कि-
3 नवम्बर को नान्दी अन्तर्गत पद्मश्री मालिनी अवस्थी लखनऊ द्वारा गायन एवं डॉ. विवेक बनसोड़ उज्जैन द्वारा मंगलवाद्य वादन किया जाएगा।
4 नवम्बर को संस्कृत नाटक मालविकाग्निमित्रम् की प्रस्तुति लोकेन्द्र त्रिवेदी के निर्देशन में की जाएगी।
5 नवंबर को भरतविशाला रंगमंच पर आयुर्धा शर्मा उज्जैन द्वारा कथक नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी। पद्मभूषण बुधादित्य मुखर्जी कोलकाता द्वारा सितार वादन की प्रस्तुति की जाएगी।
6 नवम्बर को गजेन्द्र पण्डा भुवनेश्वर के निर्देशन में शास्त्रीय नृत्य ओडिसी एवं पियाल भट्टाचार्य कोलकाता के निर्देशन में हिन्दी नाटक विक्रमसंवत्सर की प्रस्तुति की जाएगी।
7 नवम्बर को डॉ. हरिहरेश्वर पोद्दार उज्जैन का कथक नृत्य एवं मालवी नाटक मालव कीर्ति गाथा की प्रस्तुति विशाल कलम्बकर के निर्देशन में होगी।
8 नवम्बर को डॉ. खुशबू पांचाल उज्जैन द्वारा कथक नृत्य एवं मैथिल देविका त्रिवेन्द्रम द्वारा मोहिनीअट्टम शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी।
9 नवम्बर को आयुषी त्रिवेदी उज्जैन का कथक नृत्य एवं कौशिकी चक्रवर्तीकोलकाता का शास्त्रीय गायन प्रस्तुत होगा।
समारोह की समापन विधि के पश्चात सायं 7 बजे डॉ. वर्षा अग्रवाल उज्जैन का संतूर वादन एवं डॉ. संध्या पुरेचा नईदिल्ली के निर्देशन में भरतनाट्यम शैली में ऋतुसंहार नृत्य की प्रस्तुति की जाएगी।