उज्जैन के आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने किया-ब्लैक फंगस का सफल ऑपरेशन

30 वर्षीय महिला को नहीं गवानी पड़ी आंखें, आज चौथे मरीज की सर्जरी

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उज्जैन। आर डी गार्डी मेडिकल कॉलेज में कल 30 वर्षीय महिला का ब्लेक फंगस का ऑपरेशन हुआ। जिसे चित्र में देखा जा सकता है। वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ.सुधाकर वैद्य की टीम ने उक्त महिला का ऑपरेशन कर के ब्लेक फंगस निकाल दी और उसकी दोनों आंखें बचा ली। आज चौथा ऑपरेशन हो रहा है। आशंका है कि मरीज की कथित रूप से एक आंख प्रभावित
हो सकती है।

सबसे पहले दिखाएं ईएनटी सर्जन को

ईएनटी सर्जन डॉ.राजेंद्र बंसल के अनुसार यह बीमारी वास्तव में नाक की है। मरीज को दिखना कम देता है या बंद हो जाता है तो वह सीधे ऑख के डॉक्टर के पास जाता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। मरीज को सबसे पहले ईएनटी सर्जन के पास जाना चाहिए, वह भी प्रारंभिक दौर में। ताकि शुरूआती उपचार में ही वह ठीक हो सके, ऑपरेशन या ऑंखों को निकालने की नौबत न आए।

जिन्हे कोरोना हो चुका वे इन बातों पर दें ध्यान
डॉ.सुधाकर वैद्य के अनुसार मरीज देरी से आ रहे हैं। लोग कोविड होने के बाद स्वस्थ होकर घर जाते हैं तो अपनी दिनचर्या में जुट जाते हैं। अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। उसी का परिणाम है कि उक्त बीमारी गंभीर रूप लेती है। उन्होंने बताया कि उज्जैन में अभी इस सर्जरी की दर सस्ती है। अक्षरविश्व में समाचार प्रकाशित होने के बाद बाहर के शहरों के लोग भी सम्पर्क कर रहे हैं। उन्होने बताया कि कोरोना से ठीक हुए मरीज अपनी शुगर की नियमित जांच करवाएं। इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं का उपयोग बंद कर दें। एंटीबायोटिक्स एवं एंटी फंगल दवा बगैर चिकित्सक की सलाह के न लें।

ये है लक्षण…डॉ.बंसल के अनुसार ऑंख,चेहरे या नाक में दर्द हो, चेहरे पर सूजन हो,नाक में सूखापन हो,नाक से काला या कत्थई रंग का तरल पदार्थ बहे,सिरदर्द हो,आंखों से कम दिखाई दे रहा हो, तो सीधे ईएनटी सर्जन के पास जाएं। यह प्रारंभिक दौर में ही ठीक हो जाएगा। नाक से फंगस वाले टीश्यू तथा गली हड्डी निकालने पर जीवन पूर्व की तरह चलने लगेगा। यह फंगस जबड़े की हड्डी को गला देती है, इसलिए जबड़ा निकालना पड़ता है। अत: लक्षणों को देखकर तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचे।

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