उज्जैन जिला चिकित्सालय मेें जल्द ही एमआरआई की सौगात

मशीन के लिए स्थान की तलाश, पीपीपी मोड पर होगी ऑपरेट
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शैलेष व्यास .उज्जैन। मरीज या उनके परिजनों को एमआरआई स्कैन के लिए निजी सेंटर या इंदौर तक जाने की आवश्यकता नहीं होगी। जिला जिला चिकित्सालय में जल्द ही एमआरआइ मशीने स्थापित होगी। इसके लिए स्थान चयन की कवायद हो रही है। एमआरआइ यूनिट को पीपीपी मोड पर ऑपरेट किया जाएगा।
प्रदेश सरकार प्रदेश के संभागीय मुख्यालय वाले सात जिलों में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर एमआरआई मशीनें लगाने की तैयारी है। इसमें उज्जैन भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक उज्जैन, इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर में मशीनें लगाने की तैयारी है। इन जिलों में प्रयोग सफल रहा तो दूसरे बड़े जिलों में भी एमआरआइ मशीनें लगाई जाएंगी।
स्वास्थ्य आयुक्त ने जिला अस्पतालों के अधीक्षकों को जगह चिह्नित कर जानकारी देने के लिए कहा गया है। एमआरआइ मशीने के लिए जल्दी ही भोपाल स्तर पर टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी। इसका लाभ यह होगा कि मरीजों की एमआरआइ जांच बाजार दर से करीब 60 प्रतिशत कम में हो जाएगी। अगले वर्ष अप्रैल या मई से यह सुविधा मिलने लगेगी। अभी प्रदेश के कई मेडिकल कालेजों में पीपीपी मोड से एमआरआइ मशीनें लगाई गई हैं। मशीन लगाने से लेकर संचालन तक की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होगी। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से कंपनी को जगह उपलब्ध कराई जाएगी।
निजी सेंटर पर महंगी जांच
निजी जांच केंद्रों में एमआरआइ कराने पर अभी छह हजार या इससे अधिक राशि लगती है। इसके अलाव अनेक मरीजों को उनके परिजन एमआरआई के लिए इंदौर, भी लेकर जाते है। जिला अस्पतालों में मशीन लगने पर दो हजार रुपये में भी जांच संभव होगी। ज्यादातर निजी एमआरआइ केंद्रों द्वारा मरीज को जांच के लिए भेजने वाले डाक्टर को एक से दो हजार रुपये तक कमीशन देने की बात भी कही जाती है। इस वजह से भी निजी केंद्रों में एमआरआइ जांच महंगी है। जिला अस्पतालों में मशीनें लगने के बाद जांच सस्ती होने पर निजी अस्पताल और क्लीनिक के मरीजों को भी यहां जांच की अतिरिक्त सुविधा मिल जाएगी।
क्या है एमआरआई…?
मैगनेटिक रेसोनेंस इमेजिंग यानी एमआरआई एक प्रकार का स्कैन होता है,जो बहुत ही तेज मैगनेटिक व रेडियो तरंगों की सहायता से हमारे शरीर के अंदर की गहनता से तस्वीरें दिखाने में समर्थ होता है। एमआरआइ स्कैनर एक बड़ी सी ट्यूब होती है जिसमें बहुत बड़े बड़े मैग्नेट लगे होते हैं। स्कैन करने के दौरान आपको इसी ट्यूब के अंदर लेटाया जाता है।









