उज्जैन से देवास होकर इंदौर जाने वाली ट्रेन की राह आसान, सफर में 20 मिनट कम होंगे

उज्जैन-इंदौर डबलिंग ट्रैक 10 दिन में पूरा करने का लक्ष्य
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सीआरएस का क्लियरेंस मिलते ही ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही शुरू की जा सकेगी
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:उज्जैन-देवास-इंदौर ब्राड गैज लाइन की डबल ट्रैकिंग कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसे १० दिन के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। डबल टै्रक प्रारंभ होने से इंदौर की रेल यात्रा ना केवल सुगम होगी, बल्कि आने-जाने में २० मिनट कम लगेंगे। ट्रेन भी लेट नहीं होगी।
इंदौर-देवास-उज्जैन के बीच चल रहा ट्रैक डबलिंग प्रोजेक्ट में रेलवे बरलई से लक्ष्मीबाईनगर के बीच 21.63 किमी हिस्से में ट्रैक लिंकिंग, सिग्नलिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन सहित इंजीनियरिंग से जुड़े काम कर रहा है।
सीआरएस (कमिश्नर रेलवे सेफ्टी) के इंस्पेक्शन की तैयारी भी कर रहा है, ताकि क्लियरेंस मिलते ही जल्द से जल्द ट्रेनों की आवाजाही शुरू की जा सके। यह काम पूरा होते ही इंदौर-उज्जैन के बीच 6 साल से चल रहा डबलिंग प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा। रेलवे पीआरओ खेमराज मीना ने बताया लक्ष्मीबाईनगर से बरलई के बीच काम तेजी से चल रहा है।
6 साल में 3 चरणों में पूरा हुआ काम
दिसंबर 2020 : उज्जैन से कड़छा 17.68 किमी ट्रैक तैयार
फरवरी 2023 : कड़छा से बरलई 36.48 किमी काम हुआ
दिसंबर 2023 : बरलई से लक्ष्मीबाईनगर 21.63 किमी काम अंतिम दौर में
अब लक्ष्मीबाईनगर से इंदौर तक तीसरी लाइन भी बनाई जाए
इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से इंदौर-उज्जैन के बीच ट्रेनों को 15-20 मिनट का समय कम लगेगा। अप-डाउन में 65 से ज्यादा ट्रेनों को इसका फायदा मिलेगा।
क्रॉसिंग की वजह से ट्रेनें लेट नहीं होंगी। अभी मालवा औसत ढाई घंटे, पटना एक्सप्रेस एक से डेढ़ घंटे, चंडीगढ़ एक्सप्रेस एक घंटे और रीवा एक्सप्रेस 1 घंटे तक लेट हो जाती है।
इंदौर से नई ट्रेनों का संचालन शुरू हो सकेगा। एक्सप्रेस ट्रेनों की गति में भी इजाफा होगा। ट्रेनें 130 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेंगी।
इस प्रोजेक्ट में लक्ष्मीबाईनगर से इंदौर तक की तीसरी लाइन भी शामिल थी। अब रेलवे को इस लाइन को भी बनाना चाहिए, जिससे भविष्य में फायदा होगा।
आने वाले समय में महू-खंडवा गेज कन्वर्जन का काम शुरू होगा, तब नॉर्थ-साउथ की ट्रेनें बढ़ेंगी, ऐसे में शंटिंग के लिए जो ट्रेनें लक्ष्मीबाईनगर जाएंगी, उनके लिए अलग से लाइन रहेगी।
73.79 किमी लक्ष्मीबाई नगर-देवास-उज्जैन डबलिंग
2016 में प्रोजेक्ट स्वीकृत
2017 में काम शुरू हुआ
600 करोड़ रुपए लागत









