दीपदान के बाद शिप्रा में और बढ़ी गंदगी
उज्जैन। धार्मिक नगरी में पर्वों पर मोक्षदायिनी शिप्रा में स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। पुण्य की कामना से आए श्रद्धालुओं को यहां गंदे पानी में डुबकी लगाना पड़ती हैं। इसके लिए तय हुआ था कि पर्व स्नान के दौरान नर्मदा का जल शिप्रा में छोड़ा जाएगा। लेकिन पिछले कुछ पर्व स्नान के दौरान देखने में आ रहा है कि इस नियम का पालन नहीं हो रहा है। ऐसा ही कार्तिक पूर्णिमा पर भी किया गया। हजारों लोग शिप्रा के ठहरे और प्रदूषित पानी में स्नान करते रहे।
गंदे पानी में हजारों श्रद्धालुओं ने किया कार्तिक माह में स्नान
कार्तिक मास में पावन नदियों में स्नान और दीपदान का विशेष महत्व है। कई श्रद्धालु पूरे मास ही स्नान करते हैं। कहीं कई श्रद्धालु देवउठनी एकादशी से कार्तिक पूर्णिमा तक स्नान करते हैं, जिससे पूरे मास के पुण्य का लाभ प्राप्त होता है। धार्मिक नगरी में देवउठनी एकादशी से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था।
पिछले तीन दिनों से तो श्रद्धालुओं की भीड़ शिप्रा के सभी घाटों पर उमड़ती रही। लेकिन पीएचई ने शिप्रा में नर्मदा का जल नहीं छोड़ा। इससे श्रद्धालु गंदे पानी में ही स्नान करते रहे। लेकिन इस ओर जिम्मेदारों ने ध्यान ही नहीं दिया। जबकि पूर्व में तय हुआ था कि पर्व विशेष पर नर्मदा का जल शिप्रा में छोड़ा जाएगा लेकिन कार्तिक पूर्णिमा से पूर्व ऐसा नहीं हुआ। वर्षाकाल बीते दो माह हो गए है जिससे शिप्रा का बहाव भी कम हो गया है। इससे पानी रूकने से गंदगी भी बढ़ रही और पानी प्रदूषित हो रहा है।
कार्तिक माह में श्रद्धालुओं के साथ धोखा
कार्तिक माह में श्रद्धालुओं के साथ धोखा हुआ है। पूरे माह तक श्रद्धालुओं ने शिप्रा के ठहरे पानी में स्नान किया। नर्मदा का पानी एक बार भी शिप्रा नहीं छोड़ा गया। कार्तिक माह खत्म हो गया, तब जनप्रतिनधियों ने शिप्रा की सूध ली। दौरा किया, निर्देश दिए लेकिन देर हो गई। शिप्रा में नालों के पानी को रोकने के लिए 9 पंपिंग स्टेशन बनाए गए हैं, बारिश के बाद सभी पंपिंग स्टेशन चालू हो जाते हैं लेकिन इस बार बारिश के बाद से ही बंद पड़े हैं, जिसके कारण गंदा पानी शिप्रा में मिलता रहा है।
इंदौर तरफ से आ रही नदी में खान नदी का पानी अभी भी मिल रहा है। शिप्रा का जलस्तर बनाए रखने के गऊघाट ठहरा हुआ पानी आगे बढ़ाया गया, जो रामघाट पर भरा रहा। इसमें ही श्रद्धालुओं ने स्नान किया। शिप्रा को प्रवाहमान करने के लिए नर्मदा को पाईप लाइन के माध्यम से लाने की योजना बनी है। योजना का उपयोग धरातल पर नहीं हो पाया। स्थिति यह है कि शिप्रा अभी भी स्वच्छ नहीं हो सकी।