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केडी गेट चौराहे से इमली तिराहा चौड़ीकरण, बजट और खर्च ने बढ़ा रखी है अफसरों की चिंता

चार वर्ष में लागत दो गुना से अधिक बढ़ गई

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उज्जैन।केडी गेट चौराहे से नयापुरा होते हुए इमली तिराहा के मार्ग को चौड़ा करने की कवायद चल रही है,लेकिन अफसरों को बजट और खर्च ने चिंता में डाल रखा है। दरअसल चार वर्ष पहले प्रस्तावित चौड़ीकरण की लागत दो गुना अधिक हो चुकी है और इस राशि का प्रबंध कैसे होगा यह चिंता-परेशानी का कारण बनी हुई है। मुआवजे का प्रावधान नहीं होने से नागरिकों के विरोध का सामना करना होगा वह हैं।

केडी गेट चौराहे से इमली तिराहा तक करीब डेढ़ किलोमीटर लंबे मार्ग का चौड़ीकरण होना है। वर्तमान मेें मार्ग लगभग 6 से 9 मीटर तक चौड़ा है। प्रस्ताव अुनसार इसे 15 मीटर चौड़ा किया जाना है। चौड़ीकरण के लिए एमआईसी के जून 2017 और नगर निगम परिषद के अक्टूबर 2017 में पारित प्रस्ताव के अनुसार 15 करोड़ से अधिक का खर्च प्रस्तावित किया गया है था तो चार वर्षो में तीन गुना अधिक हो गया है।

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उस वक्त किए गए सर्वे के अनुसार चौड़ीकरण इस मार्ग पर करीब 443 रिहायशी व व्यावसायिक भवन चौड़ीकरण में प्रभावित हो रहे हैं। इनमें से 22 मकान ऐसे हैं जो लगभग पूरी तरह चौड़ीकरण की जद में आएंगे। काम के लिए प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई थी।

निगम आयुक्त ने यहां के प्रभावित परिवारों को सप्ताहभर में अपने हाथों से खुद के निर्माण तोडऩे को कहा था, लेकिन जनप्रतिनिधियों की अगुवाई में नागरिकों ने मुआवजे को लेकर प्रदर्शन शुरु किया तो काम टलता चला गया और शुरु नहीं हुआ। अब हालात यह है कि चार साल में खर्च की लागत पढ़ चुकी है। बता दें कि हाल ही में हुए निगम सम्मेलन में भी सड़कों के चौड़ीकरण में मुआवजा व एफएआर की अलग-अलग नीति को लेकर पक्ष-विपक्ष में बहस हुई थी।

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इस पर भी ध्यान देना होगा

नगर निगम परिषद के 09 अक्टूबर 2017 को पारित प्रस्ताव में अनेक निर्देश दिए गए थे। इस अनुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया था। यह थे निर्देश

सभी मकान मालिक/दूकानदारों की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।

किराये से दुकान संचालित करने वाले दूकानदारों को हाकर्स झोन में या अन्य जगह स्थापित किया जाए।

धानमंड़ी उमा विद्यालय को इसी क्षेत्र के अन्य भवन में स्थानांतरित करें।

केडी गेट चौराहे से इमली तिराहा तक के प्रभावितों के लिए शासन से मुआवजे की मांग की जाए।

न्यायालय के आदेश का पालन सुनिश्चित करें।

खर्च पर एक नजर

मूल निर्माण कार्य

12.65  करोड़ (प्रस्तावित)
26  करोड़ (वर्तमान)

इलेक्ट्रिफिकेशन

56.50 लाख (प्रस्तावित)
1.10 करोड़ (वर्तमान)

पेवर ब्लॉक

01.72  करोड़ (प्रस्तावित)
3.50 करोड़ (वर्तमान)

कार्य के संसाधन

60 लाख (प्रस्तावित)

1.20 करोड़ (वर्तमान)

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