ग्रहों का आपकी बीमारी से कनेक्शन, जानें किस ग्रह का किस बीमारी से है संबंध, ऐसे बचें

By AV NEWS

ग्रहों की चाल, उनकी शुभ-अशुभ स्थिति का प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह बलवान होते हैं तो जातकों को उस ग्रह से संबंधित शुभ फलों की प्राप्ति होती है। जबकि इसके विपरीत यदि ग्रह कमजोर होते हैं तो जातकों को उसके नकारात्मक परिणाम भी भुगतने पड़ते हैं। इन्हीं नकारात्मक परिणामों में ग्रह से होने वाले विभिन्न रोग भी शामिल होते हैं। जानते हैं किस ग्रह के कमजोर होने पर कौनसी बीमारी होती है और ज्योतिष के अनुसार उन रोगों को कैसे दूर किया जा सकता है।

सूर्य
सूर्य ग्रह सभी ग्रहों का राजा है। सूर्य के अशुभ प्रभाव से जातकों को आंखों और सिर से संबंधित रोग होने लगते हैं। कुंडली में सूर्यदेव की मजबूती के लिए रोजाना सूर्योदय के समय सूर्य भगवान को जल चढ़ाना चाहिए।

चंद्रमा
चंद्र ग्रह का संबंध जल और मन से है। ऐसे में यदि कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर होता है तो व्यक्ति को कफ और मानसिक बीमारी होने लगती हैं। कुंडली में चंद्र ग्रह को मजबूत बनाने के लिए सोमवार के दिन शिवजी की आराधना करनी चाहिए।

मंगल
मंगल ग्रह का संबंध रक्त से है। अत: कुंडली में मंगल के अशुभ होने पर व्यक्ति को खून से संबंधित बीमारियां ज्यादा होने लगती हैं। मंगल को मजबूत बनाने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की आराधना करें और मंगलवार का व्रत करें।

बुध
बुध ग्रह का संबंध त्वचा से है। बुध ग्रह के कमजोर होने पर व्यक्ति को त्वचा से जुड़ी बीमारियां होने लगती हैं। बुध ग्रह की शुभता पाने और उससे जुड़े दोष को दूर करने के लिए गाय को हरी घास खिलाना चाहिए।

गुरु
गुरु का संबंध मोटापे से है। कुंडली में गुरु के कमजोर होने से व्यक्ति को मोटापे और उदर से संबंधित रोग होने लगते हैं। बृहस्पति को प्रसन्न करने के लिए गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करना चाहिए।

शुक्र
शुक्र ग्रह संपन्नता और वैभव का कारक ग्रह है। इसके अशुभ होने पर व्यक्ति को यौन संबंधी बीमारियों से सामना करना पड़ता है। शुक्र की मजबूती के लिए जातकों को शुक्रवार के दिन कन्याओं को सफेद रंग की मिठाई खिलानी चाहिए।

शनि
शनि के कमजोर होने से व्यक्ति को शारीरिक थकान, चोट आदि लगने का भय रहता है। शनि को मजबूत बनाने के लिए जातकों को शनिवार के दिन शनि मंदिर में तेल चढ़ाना चाहिए।

राहु
कुंडली में राहु के अशुभ होने पर व्यक्ति को बार-बार बुखार होता है। यदि आप राहु से संबंधित व्यक्ति जैसे कुष्ठ रोगी, निर्धन व्यक्ति, सफाई कर्मचारी आदि को भोजन आदि देकर प्रसन्न करते हैं तो आपको राहु की कृपा अवश्य मिलेगी।

केतु
राहु के कमजोर होने से व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित बीमारियां होने लगती है। केतु के दुष्प्रभाव से बचने के लिए सबसे पहले आप अपने बड़े-बुजुर्ग की सेवा करना प्रारंभ कर दें। साथ ही कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं।

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