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जब हम परिवार के साथ बांट रहे होंगे खुशियां तब पुलिस, पैरामेडिकल स्टॉफ और फायरकर्मी अपने परिवार से दूर निभा रहे होंगे अपने दायित्व

ड्यूटी है सर्वोच्च प्राथमिकता… दीपावली पर इनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी

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1000 पुलिस जवानों के हाथों में होगी जिले की सुरक्षा

कैलाश शर्मा/ मुकेश पांचाल.उज्जैन।लोग शांति से परिवार के साथ त्योहार मना सके सिर्फ इसीलिए कुछ है,जो अवकाश पर नहीं जाते है। इसमें शामिल है पुलिस फोर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ और फायर ब्रिगेड। सोमवार को जब शहरवासी अपने परिवार और दोस्तों के साथ दिवाली मना रहे होंगे, तो कुछ ऐसे भी हैं जो इस शुभ त्योहार पर काम करना जारी रखेंगे। किसी भी संभावित कानून व्यवस्था-सुरक्षा, स्वास्थ्य और अग्निसुरक्षा की समस्या से निपटने के लिए पुलिस फोर्स,पैरामेडिकल स्टॉफ और फायर ब्रिगेड ने दिवाली के दिन विशेष रूप से अतिरिक्त कर्मचारियों को ड्यूटी पर रखा है।

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त्योहार के दौरान आज भी पुलिस सुरक्षा में ही तैनात नजर आती है। ऐसे कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं,जो त्योहारों की रस्म आदायगी तो करते हैं,पर ड्यूटी पर होने के कारण परिवार के साथ उल्लास-उमंग से दूर रह जाते है। साल के 365 दिन और दिन के 24 घंटे खुले रहने वाले पुलिस थाना की कार्यप्रणाली पर कोई भी छुट्टी अपना असर नहीं डाल पाती। पुलिसकर्मियों को निरंतर सेवा के मंत्र पर काम करना पड़ता है। अवकाश या फिर त्योहार का कोई मतलब नहीं रहता। पर्व पर उन्हें सामान्य से ज्यादा मुस्तैद रहना पड़ता है।

डॉक्टर बाद में पहला महत्व तो पैरामेडिकल स्टॉफ का- डॉ. मिश्र

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किसी हादसे या विशेष स्थिति में डॉक्टर से अधिक महत्वपूर्ण भूमिका पैरामेडिकल नर्सिंग स्टॉफ की होती है। शहर के आईएमए अध्यक्ष डॉ. कात्यायन मिश्र का कहना है कि मेडिकल की इमरजेंसी में फस्र्ट मैनेजमेंट तो पैरामेडिकल स्टॉफ का ही होता है। डॉक्टर की भूमिका तो बाद में तय होती है। ऐसे में पहला महत्व नर्सिंग स्टॉफ हेल्थ केयर मैनेजमेंट का ही होता है। ऐसे में इनकी भूमिका सर्वोपरि रहती है।

शहर में 6 स्थानों पर भी फायर ब्रिगेड तैनात

आतिशबाजी के दौरान आगजनी या अन्य अप्रिय घटना से निपटने के लिये नगर निगम द्वारा शहर के 6 स्थानों के अलावा कंट्रोल रूम पर 5 फायर फायटर और 2 वाटर लॉरी को तैयार रखा गया है। कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक पटाखा बाजार दशहरा मैदान, इस्कान मंदिर के पीछे, कार्तिक मेला ग्राउण्ड, सामाजिक न्याय परिसर, उद्योगपुरी मक्सीरोड़, महाकाल मंदिर में दमकल तैयार रखी गई हैं। मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम पर 5 फायटर और 2 वाटर लारी भी तैयार रहेगी। दोपहर 3 से 10 बजे की शिफ्ट में 35 से अधिक कर्मचारी तैनात रहेंगे।

जिला अस्पताल इमरजेंसी की बागडोर ‘दो खान के हाथों’

दीवापली एक ऐसा पर्व भी है जिसमें आग के अलावा करंट और अन्य हादसों की आशंका बनी रहती है। भगवान न करें, ऐसा कुछ हो लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी हादसे प्रभावितों को उपचार-राहत देने के प्रबंध किए है। जिला अस्पताल की इमरजेंसी की बागडोर ‘दो खान के हाथों’ में होगी। जिला अस्पताल की ओपीडी बंद रहेगी लेकिन इमरजेंसी 24 घंटे खुली रहेगी। उपचार के लिये नाइट शिफ्ट में डॉ. अमित सोनी के नेतृत्व में कम्पाउण्डर गुल्लू खान और अय्यूब खान व अन्य स्टाफ मौजूद रहेंगे। गुल्लू खान ने बताया कि दीपावली हमारे हिन्दू भाइयों का सबसे बड़ा त्यौहार है, ड्यूटी नहीं आने पर भी आगे रहकर ड्यूटी लगवाता हूं। जिला चिकित्सालय के अलावा शहर के अन्य प्रायवेट अस्पतालों में भी इमरजेंसी में स्टॉफ को तैनात किया है।

जिम्मेदारियों ने इन्हें कर्तव्य से बांधे रखा
पुलिस फोर्स, पैरामेडिकल स्टॉफ और फायर ब्रिगेड में तैनात कर्मी कहते हैं कि दिवाली ही क्या अधिकांश त्योहारों पर ड्यूटी पर रहते हैं, जिसकी वजह से उनको परिवार से दूर रहना पड़ता है।

त्योहारों पर बच्चे जरूर परेशान रहते हैं क्योंकि उनकी उमीदें रहती है कि परिवार का मुखिया उनके साथ खुशियों में शरीक रहे, लेकिन जिम्मेदारियों ने हम लोगों को बांध रखा है। कर्तव्य के आगे परिवार की ख्वाहिशें कुर्बान करना ही असल तौर पर ड्यूटी है। पुलिस फोर्स,पैरामेडिकल स्टॉफ और फायर ब्रिगेडकर्मी अपने कर्तव्य पर होते हैं,ताकि अवाम त्योहार खुशियों के साथ मना सके। ‘अक्षर विश्व’ से चर्चा में अधिकांश पुलिस जवानों का कहना था कि परिवार के साथ घर में बैठकर पूजन नहीं कर पाने की टीस तो रहती है, लेकिन यह शहर भी हमारा परिवार ही है, ड्यूटी इज फास्र्ट।

पर्व कर्तव्य को अहमियत

जब लोग जिले में दिवाली का जश्न मना रहे होगें तब पुलिस के जवान हमारी सुरक्षा के लिए सड़कों पर हैं,फायर,फाइटर-जवान फायर ब्रिगेड केंद्रों पर तैनात रहेंगे ताकि कोई हादसा न हो। रोशनी, आतिबाजी और दीपों के पर्व पर हादसों की शंका रहती है। हादसों से प्रभावितों को तत्काल राहत और उपचार देने के लिए स्वास्थ्य अमला भी अपनी ड्यूटी पर तैनात होता है। खुशियों के साथ दिवाली मनाई जा सके,लेकिन कर्तव्य और रिश्तों के बीच कश्मकश में यह स्टॉफ कर्तव्य को अहमियत देते है।

इनका कहना है….अगले दिन परिवार के साथ मनाएंगे दीपावली

सुबह 9 से शाम 5 बजे की शिफ्ट में ड्यूटी है, फिर रात 12 बजे से ड्यूटी पर आना है। परिवार आगर में रहता है। उनके साथ दीपावली मनाना संभव नहीं इस कारण अगले दिन परिवार के बीच जाकर पर्व मनाउंगा।-जी.आर. खाटकिया, एसआई

बच्चे बड़े हो गये वही कर लेते हैं पूजन
वर्षों हो गये विभाग में। सभी पर्वों और त्यौहारों पर ड्यूटी रहती है। दीपावली का पर्व खास होता है, अब तो बच्चे बड़े हो गये वही पूजन कर लेते हैं। ड्यूटी खत्म होने के बाद घर लौटकर पूजन करते हैं। -राजेश राव, एचसीएम

जिस प्रकार सेना के जवान बार्डर पर रहकर देश की रक्षा करते हैं, उसी तरह पुलिस जवान और अफसर भी कानून व्यवस्था की ड्यूटी में तैनात रहकर अपना फर्ज निभाते हैं। पर्व और त्यौहार ड्यूटी नहीं होने पर ही मनाते हैं।-मुनेन्द्र गौतम, टीआई

प्रमुख बाजारों में तैनाती, शहर में होगी गश्त…

दीपावली के दौरान जिले में कानून व्यवस्था एवं सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम है। 1000 पुलिस जवान और अफसर प्रमुख चौराहों और बाजारों से लेकर गली मोहल्लों तक सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभालेंगे।

शहर ही पुलिस का परिवार है

दीपावली पर्व के तीन दिन पहले से पुलिस फोर्स को प्रमुख बाजारों, संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात कर दिया जाता है। पुलिस का ध्यान हर गतिविधियों पर रहता है।
– सत्येन्द्र कुमार शुक्ल, एसएसपी

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