ज्ञानवापी केस में बड़ा फैसला,हिंदू पक्ष को मिली पूजा की इजाजत

कोर्ट ने जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर यहां पूजा पाठ की व्यवस्था करने का आदेश दिया 

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

ज्ञानवापी तहखाने में व्यास परिवार को मिला पूजा का अधिकार

ज्ञानवापी केस में वाराणसी की जिला अदालत ने अब तक का सबसे बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा पाठ का आदेश दिया है। जिला प्रशासन को 7 दिन के अंदर यहां पूजा पाठ की व्यवस्था करने का आदेश दिया है.डीएम के निर्देश पर पुजारी की नियुक्ति की जाएगी।

इससे पहले जिला जल ने व्यास तहखाना खोलने का आदेश दिया था। इसके बाद 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में लिया था। डीएम ने तहखाने की चाबी अपने पास रखी थी।

अब यहां नियमित पूजा अर्चना होगी. काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड की तरफ से पूजा अर्चना करवाई जाएगी. हिंदू पक्ष ने इसे बड़ी जीत बताया है और 30 साल बाद न्याय मिलने का दावा किया है. नवंबर 1993 तक यहां पूजा-पाठ किया जाता था.

ज्ञानवापी की ASI सर्वे की रिपोर्ट 25 जनवरी को देर रात सार्वजनिक हुई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, परिसर के अंदर भगवान विष्णु, गणेश और शिवलिंग की मूर्ति मिली हैं। पूरे परिसर को मंदिर के स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 साक्ष्य का जिक्र किया गया है। मस्जिद परिसर के अंदर ‘महामुक्ति मंडप’ नाम का एक शिलापट भी मिला है।

ASI ने रिपोर्ट में लिखा कि ज्ञानवापी में एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। 17वीं शताब्दी में जब औरंगजेब का शासन था। उस वक्त ज्ञानवापी स्ट्रक्चर को तोड़ा गया। कुछ हिस्सों को मॉडिफाई किया गया। मूलरूप को प्लास्टर और चूने से छिपाया गया। 839 पेज की रिपोर्ट में ASI ने परिसर के प्रमुख स्थानों का जिक्र किया।

Related Articles