दसवीं के बाद प्रोफेशनल या ट्रेडिशनल कोर्स !

By AV NEWS

दसवीं क्लास की परीक्षा के बाद क्या करें, किस स्ट्रीम का चुनाव करें, क्या मुझे किसी प्रोफेशनल कोर्स का चयन करना चाहिए या फिर ट्रेडिशनल विकल्पों की तरफ ही अपने आप को केन्द्रित करना चाहिए आदि कुछ ऐसे सवाल हैं जो लगभग हर दसवीं पास या दसवीं की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के दिमाग में उठते हैं और इससे वे बेवजह परेशान रहते हैं। वस्तुत: इन प्रश्नों के उत्तर का सीधा सीधा सम्बन्ध भविष्य में उनके अध्ययन तथा प्रोफेशन से होता है।

स्टूडेंट्स के लिए प्रमुख स्टडी स्ट्रीम्स

दसवीं के बाद सबसे कठिन निर्णय होता है स्ट्रीम का चुनाव करना। सही स्ट्रीम का चुनाव करना बहुत जरुरी है.कारण कि भविष्य के सभी निर्णय मुख्यत: आपके इसी निर्णय पर निर्भर होते है।

किस विषय का चुनाव स्टूडेंट्स को करना चाहिए ?-

कभी कभी स्टूडेंट्स अपने जीवन हर्ड मेंटालिटी ( झुण्ड मानसिकता) के दबाव में आकर उस स्ट्रीम का चुनाव कर लेते हैं जो उनकी रूचि तथा क्षमता के बिलकुल विपरीत होते हैं, लेकिन चूंंकि उनके मित्र या जानकार भी इसे ही चुने हैं। इसलिए वे भी ऐसा करते हैं लेकिन यह एक गलत प्रैक्टिस है और इसके परिणाम आपके लिए भयावह हो सकते हैं। इसलिए हमेशा अपनी रुचि,योग्यता और क्षमता के अनुरूप ही किसी स्ट्रीम का चयन करें ताकि आप बेहतर रिजल्ट पा सकें। इसलिए सही स्ट्रीम के चयन में आपकी मदद हेतु दसवीं के बाद उपलब्ध कुछ महत्वपूर्ण स्ट्रीम्स का वर्णन आगे कर रहे हैं।

साइंस

सबसे लोकप्रिय विषय- विज्ञान अधिकांश स्टूडेंट्स का पसंदीदा विषय होता है यह स्ट्रीम स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग, चिकित्सा, आईटी और कंप्यूटर विज्ञान जैसे कई आकर्षक करियर विकल्प प्रदान करती है और विभिन्न डोमेनों में शोध करने का अवसर भी प्रदान करती है। दसवीं के बाद विज्ञान विषय चुनने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे लेने के बाद आगे चलकर वे आर्ट्स या कॉमर्स किसी भी स्ट्रीम में एडमिशन ले सकते हैं। इसके विपरीत अगर आपने 12 वीं तथा ग्रेजुएशन आर्ट्स या कॉमर्स से की है तो आप भविष्य में साइंस नहीं ले सकते हैं जबकि साइंस स्ट्रीम वाले पुन: किसी भी स्ट्रीम का चुनाव कर सकते हैं।

जहां तक कक्षा 11 वीं और 12 वीं का सवाल है,तो आपको कंप्यूटर विज्ञान, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे कुछ ऐच्छिक विषयों के साथ भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान और गणित जैसे आधारभूत विषयों का चयन करना होगा। इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स द्वारा चुने गए इंस्ट्रक्शन के भाषा के आधार पर उन्हें एक अनिवार्य भाषा का भी चुनाव करना होगा।

यदि आप इंजीनियरिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आप पीसीएम या भौतिकी + रसायन विज्ञान + गणित को मूल विषयों के रूप में चुन सकते हैं, लेकिन आगर आप मेडिसिन में रुचि रखते हैं तो  आप पीसीएमबी या भौतिकी + रसायन विज्ञान + गणित + जीवविज्ञान ले सकते है।

कॉमर्स

बिजनेस के लिए है बेहतरीन ऑप्शन – साइंस के बाद स्टूडेंट्स द्वारा सर्वाधिक पसंद किया जाने वाला स्ट्रीम है कॉमर्स। यदि स्टैटिक्स, फायनांस या इकोनॉमिक्स के फील्ड में जाना चाहते हैं तो आपको इस स्ट्रीम का चुनाव करना होगा। अगर करियर की बात की जाए तो कॉमर्स स्ट्रीम से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, कंपनी सेक्रेटरी, एकाउंटेंट्स, निवेश बैंकिंग और वित्तीय सलाहकार जैसे कुछ सबसे अधिक आकर्षक और उच्च भुगतान वाली नौकरियों में जाया जा सकता है हालांकि, इसके लिए कक्षा 12 के बाद इन संबंधित डोमेन में प्रोफेशनल कोर्सेज का चयन करना होगा।
कॉमर्स स्टूडेंट्स के रूप में आपको बिजनेस इकोनॉमिक्स, एकाउंटेंसी, बिजनेस स्टडी और बिजनेस लॉ आदि मुख्य विषयों का अध्ययन करना होगा। इसके अतिरिक्त स्टूडेंट्स को कॉमर्स स्ट्रीम के एक हिस्से के रूप में अकाउंटिंग, ऑडिटिंग, इनकम टैक्स, मार्केटिंग और जनरल बिजनेस इकोनॉमिक्स में आधारभूत प्रशिक्षण भी दिया जायेगा. साइंस के स्टूडेंट्स की तरह ही इन्हें भी एक अनिवार्य भाषा का चयन करना होता है।

आर्ट्स/कला / मानविकी

क्रिएटिविटी और करियर – आर्ट्स आज भी स्टूडेंट्स का बीच बहुत काम पसंद किया जाने वाला विषय है जबकि इस क्षेत्र में अवसरों की भरमार है, लेकिन आजकल इस विषय को लेकर लोगों की धारणा बदली है तथा अधिकतर स्टूडेंट्स आर्ट्स विषय लेना पसंद कर रहे हैं। यह कुछ रोचक ऑफ-बीट और रोमांचक कैरियर के अवसर प्रदान कर रही है। पहले आर्ट्स विषय को उन्हीं स्टूडेंट्स के लिए सही माना जाता था जो आगे चलकर शोध में दिलचस्पी रखते थें लेकिन अब यह धारणा बिल्कुल बदल चुकी है। आजकल आर्ट्स स्टूडेंट्स के पास अन्य स्ट्रीम की भांति ही आकर्षक और संतोषजनक करियर विकल्प मौजूद हैं। एक आर्ट्स का स्टूडेंट जर्नलिज्म, लिटरेचर, सोशल वर्क, एजुकेशन और कई अन्य करियर विकल्पों का चयन कर सकता है। जहां तक विषयों का संबंध है, तो आर्ट्स स्टूडेंट्स के पास विभिन्न प्रकार के विषयों के चयन का विकल्प होता है

जिनमें से समाजशास्त्र, इतिहास, साहित्य, मनोविज्ञान, राजनीति विज्ञान, दर्शन, अर्थशास्त्र इत्यादि विषय शामिल हैं। इन्हें भी एक अनिवार्य भाषा विकल्प का चयन करना पड़ता है। इसके अतरिक्त कुछ कई ऐसे कई शॉर्ट टर्म सर्टिफिकेशन कोर्स, डिप्लोमा कोर्स, व्यावसायिक पाठ्यक्रम और यहां तक कि कुछ प्रोफेशनल कोर्सेज भी हैं जिन्हें आप अपनी दसवीं कक्षा पूरी करने के बाद चुन सकते हैं। एक दसवीं के छात्र होने के नाते यह हो सकता है कि आपको भविष्य में मिलने वाले सभी अवसरों तथा उसके अंतर्गत आने वाली चुनौतियों का सही ज्ञान न हो, तो ऐसी परिस्थिति में किसी काउंसलर की मदद लें।

स्टूडेंट् कमजोरियों का विश्लेषण करना है बहुत जरुरी

अपनी रुचियों का आकलन करने के बाद, आपके लिए दूसरा कदम अपने स्किल्स और क्षमताओं का आकलन करना है. यदि आप केवल अपनी रुचि के आधार पर एक एक स्ट्रीम चुनते हैं लेकिन इसमें शामिल विषयों को समझने का सही स्किल  और क्षमता आपमें नहीं है, तो भविष्य में यह आपके लिए एक बड़ी समस्या पैदा करेगा. उदाहरण के लिए, आपकी रुचि प्राइमरी साइंस में हो सकती है लेकिन 12 वीं के स्तर पर पढ़ाए जाने वाले साइंस  विषय अधिक विस्तृत और कठिन लग सकते हैं. मान लीजिये आपका मौलिक अंकगणित बहुत अच्छा है लेकिन हो सकता है कि 12 वीं के पीसीएम में पढ़ाया जाने वाला मैथ आपको बहुत कठिन लगे. तो आप उन विषयों में बेहतर रिजल्ट नहीं दे पाएंगे। इसलिए हमेशा अपने स्किल्स और क्षमताओं का पूर्ण विश्लेषण करना चाहिए, अपनी ताकत और कमजोरियों को समझना चाहिए और अपनी क्षमता के अनुसार किसी भी स्ट्रीम का चयन करना चाहिए।

स्टूडेंट्स दूसरों की मदद भी ले

यदि आपको अभी भी लगता है कि आप स्ट्रीम के चयन को लेकर भ्रमित और अनिश्चित हैं, तो आपको कक्षा 10 के बाद अपने माता-पिता, प्रोफेशनल काउंसिल या सीनियर से सलाह लेनी चाहिए. आजकल मार्केट में कई अन्य करियर विकल्प और अवसर मौजूद हैं जो कक्षा 10 के बाद आपकी  प्रतीक्षा कर रहे हैं जिनका आप चयन कर सकते हैं. माता-पिता, प्रोफेशनल काउंसिल या सीनियर आपको हमेशा सही सलाह देंगे तथा सही स्ट्रीम के चयन में आपकी भरपूर मदद करेंगे।

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