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दूसरे अफसरों को पता नहीं और कलेक्टर सुबह शिप्रा के घाटों का निरीक्षण कर आए

अक्षरविश्व से कहा… हालात देखने गए थे, कुछ कमियां नोट की हैं

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कैलाश शर्मा|उज्जैन। स्वच्छ शिप्रा राज्य सरकार की टॉप प्रायरेटी में है और नदी के हालात बदलने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैें। इसके लिए कलेक्टर उज्जैन लगातार प्रयासरत है। यह अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि शनिवार सुबह दूसरे किसी अफसरों को कानोंकान खबर नहीं हुई और कलेक्टर नीरज कुमार सिंह लालपुल से सुनहरी घाट तक नदी का निरीक्षण कर आए। कलेक्टर ने अक्षरविश्व से चर्चा में बताया कि शिप्रा नदी की स्थिति देखने गए थे, कुछ खामियों को नोट किया है। इन्हें दूर करने की लिए अधीनस्थों के अवगत कराया जाएगा।

 

पिछले दिनों कलेक्टर द्वारा शिप्रा नदी के घाटों का निरीक्षण पीएचई, नगर निगम और जल संसाधन विभाग के अफसरों के साथ किया था एवं मौके पर ही नदी में स्वच्छ पानी स्टोर करने के निर्देश भी दिये थे। आज सुबह 7 बजे कलेक्टर अकेले ही नदी का निरीक्षण करने पहुंचे।

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कलेक्टर नीरज कुमार सिंह सुबह 7 बजे रामघाट पहुंच गये। उनके निरीक्षण की किसी भी विभाग के अफसरों को कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने रामघाट, सुनहरी घाट, चक्रतीर्थ, लालपुल आदि घाटों का निरीक्षण किया। नदी में मिलने वाले नालों को भी देखा और वर्तमान में नदी में स्टोर पानी भी चेक किया। कलेक्टर सिंह ने अक्षर विश्व से चर्चा में कहा कि नदी की स्थिति देखने गए थे। कुछ कमियां नोट की हैं जिन पर संबंधित विभागों के अफसरों के साथ बैठक के दौरान चर्चा करेंगे।

अब 1.9 क्यूबेक मीटर पानी आ रहा, कल गऊघाट से छोड़ेंगे

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पीएचई अफसरों ने बताया कि पिछले दिनों कलेक्टर सिंह ने निरीक्षण के दौरान पाइप लाइन से शिप्रा नदी में आ रहे नर्मदा के पानी की स्पीड की जानकारी ली थी उस दौरान निर्देश दिये थे कि नर्मदा से पानी लाने की स्पीड को बढ़वाएं। उस समय नर्मदा से 1.1 क्यूबेक मीटर प्रति सेकंड पानी नदी में मिल रहा था।

कलेक्टर सिंह के निर्देश के बाद नर्मदा विकास प्राधिकरण से संपर्क कर पानी की स्पीड बढ़वाई गई और वर्तमान में पाइप लाइनसे 1.9 क्यूबेक मीटर प्रति सेकंड पानी शिप्रा नदी में आ रहा है जिसे गऊघाट स्टापडेम पर स्टोर किया गया है। गऊघाट पर वर्तमान में पानी का लेवल 10 फीट है जिसे 14 जनवरी को पर्व स्नान के लिये रामघाट की ओर छोड़ा जायेगा, जबकि बड़े पुल के पास स्थित स्टापडेम का गेट बंद कर दिया गया है और मकर संक्रांति पर्व स्नान के दौरान शिप्रा नदी के घाटों पर नर्मदा का स्वच्छ पानी स्टोर कर लिया जायेगा।

मिट्टी के स्टाप डेम से रुका कान्ह का पानी

इधर जल संसाधन विभाग द्वारा त्रिवेणी स्थित कान्ह नदी पर मिट्टी का स्टापडेम तैयार कर लिया गया है जिससे कान्ह का दूषित पानी शिप्रा नदी में नहीं मिल रहा है। वहीं जल संसाधन विभाग के अफसर कान्ह डायवर्शन लाइन से कान्ह का पानी छोडऩे की योजना पर भी काम कर रहे हैं।

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