पूर्व सांसद ने 42 माह का बकाया एक दिन में अदा किया, विक्रम विवि में 9 लाख जमा

By AV NEWS

नोड्यूज की अनिवार्यता कर रही नेताओं की जेब हल्की

पूर्व सांसद ने 42 माह का बकाया एक दिन में अदा किया, विक्रम विवि में 9 लाख जमा

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:विक्रम विवि के आवास पर रहकर वर्षों तक किराया जमा नहीं करने वाले पूर्व सांसद को विधानसभा चुनाव मैदान मैदान में उतरने के लिए नोड्यूज की अनिवार्यता के कारण एक ही दिन में 9 लाख 9 हजार रुपए विवि के खाते में 9 लाख 9 हजार रुपए जमा किए इस बाद विवि के इंजीनियरिंग विभाग से नोड्यूज प्रमाण पत्र जारी हुआ।

विधानसभा चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशी के लिए यह नियम है कि प्रत्याशी शासकीय आवास का किराया, जलकर, टेक्स बाकी नही होना चाहिए। प्रत्याशी को नामांकन जमा कराने के पहले सभी विभागों से लेकर नोडयूज प्रमाण-पत्र जमा कराना अनिवार्य होता है।

इस नियम के कारण ही विक्रम विश्वविद्यालय के शासकीय आवास का बकाया किराया जमा कर नोड्यूज लेना होगा। विक्रम विश्वविद्यालय परिसर के आवासीय में रहकर वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव लडऩे वाले पूर्व सांसद डॉ. चिंतामणि मालवीय को भाजपा ने विधानसभा चुनाव में उज्जैन-आलोट संसदीय क्षेत्र में रतलाम जिले की आलोट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा ने टिकट दिया है। नामाकंन के साथ नोड्यूज की अनिवार्यता के कारण डॉ.मालवीय को वर्षों से बकाया विवि के आवास के किराए और अन्य देनदारी की याद आ गई।

नोड्यूज प्रमाण पत्र के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से बकाया किराया राशि की जानकारी ली थी। इंजीनियरिंग विभाग ने वर्ष 2014 से किराया व जलकर की राशि को जोड़कर 9 लाख 9 हजार से अधिक बकाया बता कर राशि जमा कराने के लिए फाईल भी बढ़ा दी थी। बुधवार शाम तक डॉ.मालवीय की ओर से विश्वविद्यालय में बकाया राशि जमा करी दी गई। कुलसचिव डॉ. प्रज्ज्वल खरे ने बताया कि बकाया राशि जमा होने के बाद नोड्यूज जारी कर दिया गया है।

वर्ष 2014 से किराए की राशि जमा नहीं हुई

विक्रम विवि ने वर्ष 2014 में डॉ. चिंतामणि मालवीय के सांसद निर्वाचित होने पर संसदीय कार्यकाल की अवधि के लिए आवास गृह क्रमांक ई-4 आवांटित किया था। मूलभूत नियम 45-ए के अनुसार निर्धारित किराया 10 प्रतिशत जोड़कर किराया निर्धारित किया गया था। इसमें करीब 1500 रु. महीने किराया और 120 रूपए जलकर दिया जाना था। सांसद रहते डॉ. मालवीय ने मई 2019 तक किराया ही जमा नही किया था।

वहीं मई 2019 के बाद शासकीय आवास आवंटन नियम-2000 के तहत अनाधिकृत आधिपत्य होने से किराया राशि 15 हजार रूपए और जलकर के 120 रूपए की राशि ली जाना थी। जानकारी के अनुसार जून 2020 से अक्टूबर 2023 तक करीब 52 महीनों का किराया भी जमा नही होने से यह बकाया राशि 9 लाख 9 हजार से अधिक पहुंच गई थी।

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