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बच्चे में है Vitamin D की कमी? Parents ऐसे करें बचाव

बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए उनमें सभी तरह के पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा का होना जरूरी है। अगर उनके शरीर में कोई भी पोषक तत्व कम हो जाए, तो उनके स्वास्थ्य और विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। पोषक तत्वों में सबसे आम विटामिन-डी की कमी है। इस कमी के बारे में पता चलते ही इसे जल्द से जल्द पूरा किया जाना चाहिए। यही कारण है कि उचित उपचार महत्वपूर्ण है विटामिन डी हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।

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यह शरीर को खाद्य पदार्थों और सप्लीमेंट्स से कैल्शियम और फॉस्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है। अगर आपके बच्चे में विटामिन डी की कमी है तो इसका मतलब है कि उसके शरीर में पर्याप्त विटामिन डी नहीं है। यह लेख बताता है कि विटामिन डी की कमी बच्चों को कैसे प्रभावित करती है, उन्हें कितने विटामिन डी की आवश्यकता होती है, और शिशुओं, बच्चों और किशोरों में विटामिन डी की कमी का इलाज कैसे किया जाता है।

पैरेंट्स ऐसे करें बचाव

सूरज की रोशनी

सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर आपके बच्चे की त्वचा विटामिन डी का उत्पादन करती है। लेकिन विकसित देशों में बच्चे बाहर कम समय बिताते हैं। वे सनस्क्रीन का उपयोग करने की भी अधिक संभावना रखते हैं, जो सूर्य की किरणों को अवरुद्ध करता है जो त्वचा के विटामिन डी के उत्पादन को ट्रिगर करते हैं।

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दही का सेवन 

बढ़ते बच्चों के विकास के लिए दही को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। दही में गुड बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो बच्चों के शारीरिक विकास के लिए जरूर होते हैं। बच्चों को दही खिलाने से शरीर में शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है।

गाय का दूध

इसे भी विटामिन डी और कैल्शियम का बेस्ट सोर्स माना जाता है. बच्चे की कमजोर हड्डियों को मजबूत बनाने और उसे एक्टिव रखने के लिए उसे नाश्ते में गाय का दूध दें. साथ ही सोने से पहले भी उसे एक गिलास दूध जरूर पिलाएं.

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फल का सेवन 

विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सतंरा काफी फायदेमंद माना जाता है. संतरे या संतरे के जूस में कई सारे पोषक तत्वों के साथ ही कैल्शियम भी पाया जाता है. केला भी विटामिन डी का अच्छा सोर्स माना जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि केले में मैग्नीशियम की मात्रा काफी ज्यादा पाई जाती है जो विटामिन डी को एक्टिवेट करता है.

मशरूम

मशरूम में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. विटामिन सी, विटामिन बी1, बी2, बी5 और मैग्नेशियम का अच्छा स्रोत है मशरुम. मशरूम में विटामिन डी भी काफी मात्रा में पाया जाता है.

अंड

अंडा तो वैसे भी दुनिया की 95% जनता खाती होगी. जैसा की आप भी जानते है कुछ लोग भले ही नॉन- वेज नहीं खाते हैं लेकिन अंडा खा लेते हैं. आपको बता दें कि अंडे की जर्दी में विटामिन डी पाया जाता है. अंडे में प्रोटीन और गुड कार्ब्स भी शामिल होते हैं. अगर आप विटामिन डी की कमी से परेशान हैं तो आपको एक अंडा रोजाना अवस्य खाना चाहिए.

सैमन मछली

जो लोग मछली खा सकते हैं उनके लिए सैमन मछली विटमिन डी का एक अच्छा स्रोत माना जाता है. जो लोग सैमन मछली खाते हैं उनको पता होना चाहिए कि सैमन मछली का महीने में मात्र एक बार सेवन करने से शरीर में विटामिन-डी की कमी को पूरा किया जा सकता है. ऐसे में जरुरी है कि जो लोग सैमन मछली का सेवन करते हैं , वें महीने में एक बार जरुर सैमन मछली का सेवन अवस्य करें.

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