बच्चों की पिटाई करने के हो सकते हैं, ये बुरे प्रभाव

By AV NEWS

बच्चों की पिटाई करने के बुरे प्रभाव। बच्चे बहुत नादान और मासूम होते हैं वो हमेशा अपनी मस्ती में रहते हैं लेकिन उनकी इन्ही आदतों को हम शैतानी का नाम देकर कई बार बच्चों की पिटाई कर देते हैं।

लेकिन आपको ये जान लेना जरुरी है की बच्चों को पीटना उन पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है। ये हर माँ बाप को जानना जरुरी है की बच्चों को बिना वजह या बार बार पीटना कितना गलत हो जाता है।

वैसे हर माँ बाप अपने बच्चों को प्यार करते हैं लेकिन कई बार हम हमारी झुंझलाहट बच्चों पर निकाल देते है या दूसरे बच्चों से पढाई या किसी दूसरे मामलों में तुलना कर बच्चों को मार मार कर उन जैसा बनाने की कोशिश करते हैं।

लेकिन इस कोशिश में कई बार हमें ही नुक्सान उठाना पड़ता है। तो आइये जानते हैं बच्चों की पिटाई का कितना बड़ा दुष्प्रभाव हो सकता है जो आगे जाकर हमारे लिए ही परेशानी का सबब बनता है।

बच्चों की पिटाई करने के हो सकते हैं ये बुरे प्रभाव

टूटता है भरोसा – बच्चों को बार बार पीटने से बच्चों का पेरेंट्स पर से ये विश्वास उठ जाता है की पेरेंट्स उन्हें अच्छे के लिए पीटते है बल्कि वो ये सोचते हैं ये उनकी आदत मात्र है। आगे चलकर बच्चों और पेरेंट्स का रिश्ता भी कमजोर होने लगता है।

आत्मविश्वास में आती है कमी – बार बार बच्चों की पिटाई करने से बच्चों का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है और वो दूसरे बच्चों से तुलना कर डिप्रेशन का शिकार होने लगता है।

पिटाई ही हर समस्या का हल है – बच्चों को बात बात में पीटने से बच्चे भी इसे एक सीख बना लेते हैं की हर समस्या का हल सिर्फ पिटाई ही है और आगे जाकर वो काफी हिंसक बन सकते हैं।

निर्णय लेने में कमजोर हो जाते हैं – बच्चों को बार बार पीटने से उनमे मानसिक कमजोरी आ जाती है और वो निर्णय लेने में कमजोर हो जाते हैं। आगे जाकर ऐसे बच्चों को सीरियस मेन्टल डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है।

अपनी समस्या शेयर करने से डरते हैं – बच्चों के मन में ये डर बैठ जाता है की पेरेंट्स से अपनी कोई बात कहेंगे या अपनी समस्या को शेयर करेंगे तो पेरेंट्स उन्हें मारेंगे इस डर से वो पेरेंट्स से खुल कर बात नहीं कर पाते और आगे चलकर रिश्तों में दूरियां बढ़ जाती है।

आदर ना करना – आदतन ऐसा होता है की हम उसी का आदर करते हैं जो हमें समझता है और प्यार करता है लेकिन बात बात पर पेरेंट्स द्वारा मार खाने की आदत से आगे चलकर बच्चे पेरेंट्स का आदर नहीं करते और रिश्तों में दूरियां आने लगती हैं।

डर के कारण कुछ सीख नहीं पाते बच्चे – मनोवैज्ञानिकों का ऐसा मानना है की बच्चों की ज्यादा पिटाई के कारण बच्चों में एक डर बैठ जाता है और उस स्थिति में बच्चों को आप अगर कुछ सिखाना भी चाहेंगे तो वो नहीं सीख पाता बल्कि और ज्यादा पिछड़ता जाता है।

बड़ों को ही मारने का हक़ है – बार बार पिटाई होने से बच्चे ये सीखते हैं की बड़ों को ही मारने का हक़ होता है और आगे चलकर वो अपने से छोटों पर भी यही आजमाते हैं और उन्हें मारते हैं।

झूठ बोलना सीखते हैं – बच्चों के मन में ये डर बैठ जाता है की कोई भी बात पेरेंट्स से शेयर करेंगे तो वो परेशानी समझने की जगह उन्हें पीटने लगेंगे इस वजह से बच्चे झूठ बोलने लगते हैं और आगे चलकर बच्चों और पेरेंट्स के बीच संवादहीनता (कम्युनिकेशन गेप) बढ़ने लगती है।

जो ताकतवर है वो ही सही है – बच्चे पिटाई से यही सीख लेते हैं की जो ताकतवर है वही सही है और इसका नतीजा ये होता है की बड़े होकर बच्चे अपने पेरेंट्स के साथ भी ऐसा ही बर्ताव करते हैं।

उम्मीद है बच्चों की पिटाई करने के हो सकते हैं ये बुरे प्रभाव कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।

Share This Article