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बिजली कंपनियां दरें बढ़ाने की तैयारी में, 12 साल में 85 प्रतिशत राशि बढ़ चुकी है

वर्ष 2024-25: विद्युत के दाम में औसत 3.86 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रस्ताव

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:इस वर्ष फिर से विद्युत उपभोक्ताओं को बिजली दरों में वृद्धि का झटका लग सकता है। बिजली कंपनियां दरें बढ़ाने की तैयारी में है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी बिजली कंपनी ने 2046 करोड़ रुपये का अंतर बताकर दाम में औसत 3.86 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। मप्र विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जल्द टैरिफ के लिए जनसुनवाई की जा रही है।

 

बिजली कंपनियों को लगतार घाटा बताकर दाम बढ़ाती जा रही है। आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में भी बिजली कंपनी ने 2046 करोड़ रुपये का अंतर बताकर दाम में औसत 3.86 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। बिजली कंपनियों ने पिछले 12 साल में 85 प्रतिशत तक बिजली के दाम बढ़ा दिए है।

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सबसे ज्यादा बढ़ोतरी घरेलू और कृषि उपभोक्ता के लिए की है वहीं इंडस्ट्री के लिए 64 प्रतिशत दाम बढ़ाए गए हैं। विद्युत कंपनी के सूत्रों का कहना है कि मौजूद साल में लोकसभा चुनाव होना है ऐसे में मप्र विद्युत नियामक आयोग की तरफ से टैरिफ के लिए जल्द जनसुनवाई की जा रही है।

4.07 रु. प्रति यूनिट से बढ़कर 6.49 रु. तक पहुंच चुकी

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घरेलू बिजली की बात करे तो पिछले 12 साल में घरेलू बिजली की एक यूनिट 4.07 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर 6.49 रुपये तक पहुंच चुकी है। निम्न तबका महंगी बिजली से परेशान है हालांकि 100 रुपये में 100 यूनिट बिजली सब्सिडी की वजह से उन पर बढ़े दाम का असर न के बराबर होगा। इसमें सबसे ज्यादा मुश्किल मध्यमवर्गीय परिवारों को होगी जिनकी मासिक खपत औसत 150 यूनिट से ऊपर होती है।

इस साल दाम में औसत कटौती की

2012-13 में जहां औसत बिजली की कीमत 4.66 पैसे प्रति यूनिट थी। वह घटकर 2013-14 में 4.35 पैसे प्रति यूनिट हो गई। वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले 5.85 पैसे प्रति यूनिट थी जो 2018-19 के लिए बढ़कर 5.95 रूपये तक पहुंची। करीब 10 पैसे का इजाफा किया। 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले मप्र में कांग्रेस की सरकार आई। बिजली कंपनी ने चुनाव के पहले प्रस्ताव बनाकर भेजा। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने बढ़ोतरी को दिसंबर 2020 को 1.98 फीसद बढ़ोतरी को मंजूरी दी। दूसरी बार 30 जून को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 0.69 फीसद बिजली के दाम बढ़ाने को आयोग ने मंजूर किया।

व्यावसायिक उपभोक्ता पर बोझ देने की तैयारी

आगामी बिजली टैरिफ के लिए प्रदेश में वाणिज्य और इंडस्ट्री श्रेणी के उपभोक्ताओं पर 15 प्रतिशत भार देने का प्रस्ताव बिजली कंपनी ने दिया है। सभी श्रेणी को मिलाकर कंपनी ने वर्ष 2024-25 हेतु औसत 3.86 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है। प्रस्ताव पर मप्र विद्युत नियामक आयोग ने 22 जनवरी तक सुझाव और अपत्ति मांगी गई है।

विद्युत मामलों के जानकार राजेन्द्र अग्रवाल ने मप्र विद्युत नियामक आयोग को अपत्ति करते हुए कहा है कि विद्युत कम्पनियों ने वाणिज्यिक संस्थान व उद्योगों हेतु प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से कुल 15 प्रतिशत तक टैरिफ में वृद्धि प्रस्तावित की है, जो कि बहुत ज्यादा है।

अभी घरेलू बिजली का यह प्रस्ताव खपत अभी प्रस्ताव बढ़ोतरी

30 यूनिट तक खपत 3.34 3.58 24 पैसे

50 यूनिट तक 4.27 4.44 13 पैसे

51 से 150 यूनिट 5.23 5.44 21 पैसे

151 यूनिट 6.61 6.87 26 पैसे

चुनाव नतीजे के बाद दाम बढ़ाने के आदेश ….

विद्युत कंपनी के जानकारों के मुताबिक मौजूद साल में लोकसभा चुनाव होना है ऐसे में पिछले कुछ सालों का रिकार्ड देखे तो चुनावी साल में बिजली कंपनी उपभोक्ता पर बोझ डालने से परहेज करती है। साल 2020 में कांग्रेस से वापस सत्ता भाजपा के हाथ में आई। इस दौरान बिजली दाम बढ़ाने का प्रस्ताव भी आ गया। सरकार को बचाने के लिए उप चुनाव होने थे लिहाजा दाम बढ़ाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। चुनाव नतीजे घोषित होने के बाद विद्युत नियामक आयोग ने दाम बढ़ाने का आदेश जारी कर दिया। यह संयोग अभी नहीं हुआ। इससे पहले भी साल 2008 और 2009 में विधानसभा और लोकसभा चुनाव हुए। इस बीच बिजली कंपनी ने औसत इजाफा महज तीन पैसे का किया। इसके बाद 2013 और 2014 में फिर चुनाव आए।

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